Bhopal News डॉ. अग्रवाल ने सोनोग्राफी करने वाले डॉ. सुमित उपरेती से मिलने की दी सलाह

आपने शायद कभी यह सुना या देखा नहीं होगा कि लड़कों में भी बच्चेदानी (यूटेरस) व अंडाशय (ओवरी) होती है। भोपाल के मालवीय नगर स्थित एक सोनोग्राफी सेंटर ने एक साल के बच्चे में बच्चेदानी व अंडाशय की मौजूदगी बता दी। यह रिपोर्ट बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर ने भी देखी और रिपोर्ट को सामान्य बता दिया। बाद में बच्चे की मां ने रिपोर्ट देखी तो उनके होश उड़ गए लड़के में यह दोनों अंग कैसे हो सकते हैं। उन्होंने सोनोग्राफी केंद्र में कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने माना कि टाइपिंग में गलती के वजह से लड़के की रिपोर्ट में बच्चेदानी व अंडाशय का जिक्र हो गया है।

कोलार में रहने वाले राजेश रघुवंशी ने बताया कि अपने एक साल के बच्चे को बुखार होने पर प्रोफेसर कॉलोनी स्थित एक निजी अस्पताल में दिखाया था। यहां डॉक्टर ने सोनोग्राफी, एक्सरे व ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी थी। राजेश ने 1 नवंबर को मालवीय नगर स्थित सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर में सोनोग्राफी कराई।

4 नवंबर को यह रिपोर्ट निजी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल अग्रवाल को बताई। डॉ. अग्रवाल ने रिपोर्ट देखने के बाद सब कुछ सामान्य बताया। 6 नवंबर को बच्चे की मां ने रिपोर्ट को पढ़ा। इसमें एक जगह लिखा था यूटेरस व ओवरी सामान्य हैं। यह देखने के बाद उन्हें कुछ गड़बड़ लगा। उन्होंने डॉ. राहुल अग्रवाल से संपर्क किया।

डॉ. अग्रवाल ने सोनोग्राफी करने वाले डॉ. सुमित उपरेती से मिलने की सलाह दी। रिपोर्ट देखने के बाद उपरेती ने कहा कि इस तरह की गलती हो जाती है। यह सिर्फ टाइपिंग में गलती है। इसके पहले कोई महिला पेट की सोनोग्राफी के लिए आई थी। उसकी जांच सामान्य थी। बच्चे की सोनोग्राफी में भी सबकुछ सामान्य था। लिहाजा वही रिपोर्ट नाम बदलकर दे दी गई, इससे यूटेरस व ओवरी वाली लाइन नहीं हटाई गई।

डॉक्टर ने कहा शिकायत से कुछ नहीं होगा, इसलिए दिया लीगल नोटिस

राजेश ने बताया कि डॉक्टर ने कहा था कि कहीं भी शिकायत करने से कुछ नहीं होगा। इसके बाद उन्हें लीगल नोटिस जारी कराया गया। नोटिस मिलने के बाद डॉक्टर ने कहा कि टाइपिंग में गलती हुई है, इसके लिए उन्होंने क्षतिपूर्ति के तौर पर कुछ राशि देने की पेशकश भी की।

टाइपिंग में गलती हुई

– मरीज की सोनोग्राफी बहुत अच्छे से की गई थी। पूरी रिपोर्ट सही थी। टाइपिंग में गलती से एक जगह बच्चेदानी छप गया था। दो घंटे बाद ही परिजन को फोन कर दूसरी रिपोर्ट लेने के लिए बुला लिया था, पर वह कानूनी कार्रवाई पर उतर आए। – डॉ. सुमित उपरेती, रेडियोलॉजिस्ट

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