ब्रह्म हत्या का पाप उतारने को यहां की थी भगवान राम ने तपस्या…

ऋषिकेश ब्रह्मपुरी स्थित राम तपस्थली के गंगा तट पर बनी एक गुफा में भगवान राम ने वर्षों तक तपस्या की थी। आज भी वह गुफा यहां बनी है, जिसके दर्शन के लिए अनेक श्रद्धालु आते हैं। स्कंदपुराण के अनुसार रावण वध करने के बाद भगवान राम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था।

ब्रह्म हत्या का पाप उतारने के लिए वह तीर्थनगरी में तपस्या के लिए आए थे। ऋषिकेश से आठ किमी दूर ब्रह्मपुरी है। यहां राम तपस्थली आश्रम है। आश्रम की तलहटी और गंगा के किनारे एक गुफा है, जिसमें भगवान राम तपस्या में लीन हुए थे। आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास ने बताया कि गंगा की तलहटी होने के कारण गंगा नदी का शोर उनकी तपस्या में बाधा उत्पन्न कर रही थी। त

पस्या में बाधा न पड़े, इसके लिए एक बार भगवान राम वहां से उठकर आगे की ओर चलने लगे। तभी वहां मां गंगा प्रकट हुईं और भगवान राम से बोलीं, हे प्रभु आप मेरे किनारे को छोड़कर कहां जा रहे हैं। तब भगवान राम ने कहा, हे गंगे तुम्हारा शोर मेरी तपस्या में बाधा उत्पन्न कर रहा है।

तब गंगा ने भगवान राम को वचन दिया कि आपकी तपस्या में कोई रुकावट नहीं होगी। इसके लिए वह यहां से कई मीटर दूर तक बिना शोर करते हुए बहेंगी।

उसके बाद भगवान राम यहां एक गुफा के अंदर साधना में लीन हो गए। तब से लेकर अब तक यहां करीब 200 मीटर तक गंगा नदी बिना शोरगुल के प्रवाहित हो रही हैं।

त्रिवेणीघाट स्थित रघुनाथ मंदिर में भी भगवान राम ने तपस्या की थी। पौराणिक मान्यता है कि रावण वध के बाद भगवान राम ने ब्रह्म हत्या का पाप उतारने के लिए त्रिवेणीघाट में यमुनाकुंड के समीप कई वर्षों तक रघुनाथ मंदिर में भी तपस्या की थी।

उसके बाद भगवान राम ब्रह्मपुरी की ओर रवाना हो गए थे। तब से यह मंदिर रघुनाथ मंदिर के नाम से विख्यात हो गया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com