गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में Article 370 को हटाने की सिफारिश करने के बाद से ही पाकिस्तानी शेयर बाजार लड़खड़ा गया है। गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की सिफारिश की है। जिसके बाद इसे राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी भी मिल गई है। साथ ही जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का भी विधेयक पेश हुआ। जिसमें लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग कर इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। जम्मू-कश्मीर से जुड़े इन बड़े फैसलों से पाकिस्तानी शेयर बाजार भरभराकर गिर गया है। पाकिस्तानी शेयर बाजार का मुख्य बेंचमार्क इंडेक्स केएसई-100 में आज 600 अंकों की भारी गिरावट आई और यह 31,100 पर आ गया।

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तानी शेयर बाजार बीते दो वर्षों से दुनिया का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला शेयर बाजार रहा है। पुलवामा हमले के बाद जब भारत की ओर से एयर स्ट्राइक की गई थी, तब पाकिस्तानी शेयर बाजार में सिर्फ 3 दिन में 2,000 से अधिक अंकों की गिरावट आई थी।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। कंगाली जैसे हालात और कर्ज को बोझ तले दबी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था से पाक प्रधानमंत्री इमरान खान भी बेहद परेशान हैं। पाकिस्तान में इस समय महंगाई से वहां के लोगों का जीना मुहाल है। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से मापी जाने वाली महंगाई वहां इस साल जुलाई में 10.34 फीसदी रही है। यह आंकड़ा जून में 8.9 फीसद था। पिछले साल से तुलना करें तो जुलाई 2018 में यह 5.84 फीसद रही थी। पाकिस्तान के शेयर बाजार पर महंगाई दर के इन आंकड़ों का भी बड़ा प्रभाव पड़ रहा है।
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