भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 (Article-370) हटाने से बौखलाए पाकिस्तान ने कल भारत के साथ व्यापार रोकने की घोषणा की। शायद पाकिस्तान को लगता है कि उसके इस कदम से भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। भारतीय कारोबारियों का कहना है कि हमने पहले से ही पाकिस्तान से आयातित माल पर निर्भरता काफी कम कर रखी है। कारोबारियों का मानना है कि इस कदम से उल्टे पाकिस्तान का ही नुकसान होगा।
गौरतलब है कि भारत ने पुलवामा हमले के बाद ही पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था। जिससे पाकिस्तान के साथ व्यापार बहुत हद तक सीमित हो गया था। साथ ही भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ को 200 फीसदी कर दिया था। अधिकारियों का भी कहना है कि पाकिस्तान के साथ व्यापार पिछले कुछ समय से लगभग बंद सा ही है। इसलिए, पाकिस्तान के इस कदम से मुख्य रूप से कृषि उत्पादों पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा।
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में, भारत का पाकिस्तान को निर्यात 452.5 मिलियन डॉलर रहा और आयात सिर्फ 7.13 मिलियन डॉलर रहा। वहीं, वित्त वर्ष 2018-19 में, पाकिस्तान को कुल निर्यात 2060 मिलियन डॉलर का था, जबकि आयात 495 मिलियन डॉलर का था।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा, ‘व्यापारिक रिश्तों को रोकने से पाकिस्तान को अधिक नुकसान होगा, क्योंकि पाकिस्तान द्वारा वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन करने और मोस्ट फेवरेट नेशन नहीं होने के कारण हमारा उनको निर्यात बहुत सीमित है।’
भारत द्वारा पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में मुख्य रूप से जैविक रसायन, कॉटन, प्लास्टिक और डाई हैं। वहीं, वहां से आयात होने वाली वस्तुओं में मुख्य रूप से फल और ड्राई फूड, खनिज व अयस्क, तैयार चमड़ा और ऊन है। बता दें कि भारत ने पाकिस्तान को टमाटर निर्यात करना काफी लंबे समय से बंद कर रखा है।
सहाय ने कहा कि इन वस्तुओं के लिए साउथ एशिया और मध्य एशिया में एक बड़ा बाजार है। बता दें कि भारत अपने व्यापार को वहीं ले जा रहा है। ट्रेड प्रमोशन कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने भी कहा है कि पाकिस्तान का यह कदम एकतरफा है और इससे नुकसान भी एकतरफा ही होगा।