Airtel की कमान विदेशी हाथों में जा सकती है हिस्सेदारी बढ़ाने की तैयारी सिंगापुर की कंपनी सिंगटेल की

देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रही एयरटेल की कमान विदेशी हाथों में जा सकती है। सिंगापुर की टेलीकॉम कंपनी सिंगटेल आने वाले दिनों में एयरटेल की प्रवर्तक कंपनी भारती टेलीकॉम में अपनी हिस्सेदारी 50 फीसद से ज्यादा करने की तैयारी कर रही है। भारती टेलीकॉम की कमान विदेशी हाथों में पहुंचते ही एयरटेल में इसकी पूरी हिस्सेदारी स्वत: विदेशी निवेश की श्रेणी में पहुंच जाएगी। भारती एयरटेल ने बताया कि भारती टेलीकॉम लिमिटेड अपने कुछ पुराने कर्जो को निपटाने के लिए हिस्सेदारियों में बदलाव कर सकती है। इससे सिंगटेल समेत कुछ मौजूदा प्रवर्तकों की हिस्सेदारी बढ़ेगी।

विदेशी इक्विटी में थोड़े से बदलाव से ही भारती टेलीकॉम में विदेशी निवेश 50 फीसद से ऊपर पहुंच जाएगा, जिससे कंपनी विदेशी नियंत्रण में आ जाएगी। ऐसा होने के बाद एयरटेल में भारती टेलीकॉम का पूरा निवेश स्वत: ही विदेशी निवेश की श्रेणी में आ जाएगा। अभी एयरटेल में विदेशी हिस्सेदारी 43 फीसद है। बदलाव के बाद कुल विदेशी हिस्सेदारी बढ़कर करीब 85 फीसद हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित निवेश प्रस्ताव को स्पष्ट करते हुए एयरटेल ने दूसरी बार 100 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी के लिए आवेदन किया है।

इस साल की शुरुआत में दूरसंचार विभाग ने एयरटेल के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उसके विदेशी निवेश प्रस्ताव में स्पष्टता नहीं है। कंपनी ने कहा कि भारती एयरटेल विदेशी निवेश को लेकर सभी नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसी के अनुरूप आवेदन किया है। किसी टेलीकॉम कंपनी को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 50 फीसद से ऊपर पहुंचाने के लिए मंजूरी लेनी होती है।

यह होगा बदलाव

भारती एयरटेल में सबसे ज्यादा 41 फीसद हिस्सेदारी भारती टेलीकॉम की है। वहीं, भारती टेलीकॉम में सुनील भारती मित्तल और उनके परिवार की हिस्सेदारी करीब 52 फीसद है। प्रस्तावित निवेश के बाद भारती टेलीकॉम में सिंगटेल की हिस्सेदारी 52 फीसद हो जाएगी और नियंत्रण सिंगटेल के हाथ में पहुंच जाएगा। एयरटेल इस बदलाव के बाद सिंगटेल से मिले निवेश का इस्तेमाल कर अपना कर्ज घटा सकती है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 30 जून तक कंपनी पर कुल 1,16,645.8 करोड़ रुपये का कर्ज था।

जियो के बाद से बदला गणित

2016 में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो के आने के बाद से देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बदले हालात में वोडाफोन और आइडिया ने विलय करते हुए वोडाफोन आइडिया के नाम से देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बना ली। इस कदम से एयरटेल दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी। हाल के आंकड़ों में सामने आया है कि रिलायंस जियो सबको पछाड़कर नंबर एक टेलीकॉम कंपनी बन गई है। इससे एयरटेल तीसरे नंबर पर खिसक गई।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com