नई दिल्ली: मलेरिया के कारण राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार मंगलवार को मौत का मामला उजागर हुआ. मदनपुर खादर के जेजे कॉलोनी निवासी छह वर्षीय बच्चे की सितंबर में बीमारी से मौत हो गई थी. बीमारी की पहचान मौत की समीक्षा के लिए स्थानीय और प्रादेशिक अधिकारियों पर गठित समिति ने किया.
पहली बार दिल्ली में कई साल बाद मलेरिया से मौत-
पुष्टि के बाद एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “मौत के पीछे सेरिब्रल मलेरिया गंभीर झटका है. इसे आम तौर से दिमागी बुखार या सेरिब्रल फीवर कहा जाता है. अगर बच्चे को वक्त से पहले अस्पताल में दाखिल कर दिया जाता, तो उसकी जिंदगी बच सकती थी.” अधिकारियों का कहना है कि वेक्टर जनित बीमारियों से पिछले पांच साल में कोई भी मलेरिया की मौत का मामला सामने नहीं आया.

लेकिन, सितंबर 2016 में एक मामला सामने आया था. उस वक्त मंडावरी निवासी की सफदरजंग अस्पताल में सेरिब्रल मलेरिया से मौत हो गई थी. अधिकारियों ने शहर में मलेरिया के कारण हुई मौत को अपवाद बताया है क्योंकि किफायती और सुलभ उपचार मौजूद है.
2020 में मलेरिया के 223 मामले और दूसरे राज्यों से संबंधित 87 मामले दर्ज किए गए थे. मगर पिछले सप्ताह कोई भी मामला उजागर नहीं हुआ. पिछले सप्ताह साप्ताहिक रिपोर्ट में डेंगू के 49 नए मामले सामने आए थे. जिसके चलते इस साल मृतकों की संख्या 950 हो गई. अधिकारियों ने बताया कि पूरी मदनपुर खादन जेजे कल्सटर की स्क्रीनिंग की गई थी और मलेरिया के किसी मामले का पता नहीं चला.
विशेषज्ञों ने बताया दिल्ली के मामले को अपवाद-
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि हो सकता है संक्रमण कहीं और से आया हो. उन्होंने बताया कि बच्चे को बुखार होने से पहले परिवार उत्तर प्रदेश के अमरोहा गया था. विशेषज्ञों का कहना है कि नगर निगमों को मलेरिया के मामलों की कम रिपोर्टिंग का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि कुछ अस्पतालों को विशेष तौर पर कोविड-19 के कंद्रों में बदल दिया गया है.
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