मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बुधवार को कहा कि जब चुनाव आयोग कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच बिहान विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी कर रहा था, तब कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाए थे। लेकिन सुरक्षित और सफल तरीके से संपन्न हुए इस लोकतांत्रिक अभ्यास से हमें पूरे बोर्ड की सराहना मिली है।

अरोड़ा ने कहा कि मैं विश्वस्त हूं कि चुनाव आयोग आगामी विधानसभा चुनाव समय से संपन्न कराने में सक्षम रहेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आंतरिक तैयारियां पहले ही शुरू की जा चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि अगले साल मई-जून में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी में चुनाव होने हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस तरह महसूस करवाया जा रहा था कि महामारी के बीच बिहार चुनाव आयोजित करके उसने कोई दुस्साहस कर दिया हो। लेकिन चुनाव की तैयारी में लगे चुनाव आयोग में हर व्यक्ति के लिए यह फैसला एक सकारात्मक विश्वास पर आधारित था, न कि अंधेरे में लगाई गई कोई छलांग थी।
इस सवाल पर कि क्या आयोग ने चुनाव आयोजित कराने के फैसले पर सवाल उठाने वालों को गलत साबित कर दिया है, अरोड़ा ने जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कहना मीडिया, देश की जनता, मतदाताओं के लिए है। मैं अगर यह बात कहता हूं कि आयोग ने उन्हें गलत साबित किया है तो यह अशिष्ट होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्ष की ओर से पोस्टल बैलट की गिनती पर लगाए गए आरोपों को लेकर किए गए सवाल का भी मुख्य चुनाव आयुक्त ने जवाब देने से इनकार कर दिया। इसे लेकर उन्होंने कहा कि राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी पहले ही इस संबंध में प्रेस वार्ता कर चुके हैं और सभी सवालों के जवाब दे चुके हैं।
इस सवाल पर कि अगर कोविड-19 महामारी आगे भी जारी रहती है तो क्या वह विश्वस्त हैं कि चुनाव आयोग आने वाले विधानसभा चुनाव समय पर आयोजित करा पाएगा, उन्होंने कहा कि मेरा कार्यकाल 31 अप्रैल 2021 तक है। उन्होंने कहा, इस तारीख से पहले जो भी चुनाव आएंगे उन्हें समय से आयोजित किया जाना चाहिए।
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