वोडाफोन आइडिया के शेयर ने पिछले 6 महीने में निवेशकों को 22 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में इसमें 117 प्रतिशत का उछाल आया है। अब कंपनी के बोर्ड ने प्रमोटर आदित्य बिड़ला ग्रुप से 2075 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है। आइए जानते हैं कि वोडाफोन आइडिया इस पूंजी का क्या करेगी और इसका उसके शेयरों पर क्या असर हो सकता है।
आर्थिक रूप से बदहाल टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) अब फंड जुटाने की कोशिश में है। इसमें उसे कुछ सफलता भी मिली है।
कंपनी ने बताया कि उसके बोर्ड ने प्रमोटर आदित्य बिड़ला ग्रुप से 2075 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है। साथ ही, उसे ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल को 1 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने की इजाजत भी मिल गई है।
अब शेयरधारकों की मंजूरी का इंतजार
वोडाफोन आइडिया ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि वह मौजूदा प्रस्तावों पर 8 मई को एक EGM में शेयरधारकों की मंजूरी लेगी। इससे पहले कंपनी को 2 अप्रैल की EGM में सिक्योरिटीज जारी करके 20,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए शेयरधारकों की इजाजत मिली थी।
वोडाफोन आइडिया का इक्विटी और डेट (कर्ज) के जरिए 45,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है। कंपनी पर बैंक कर्ज फिलहाल 4,500 करोड़ रुपये के आसपास है।
पूंजी का क्या करेगी वोडाफोन आइडिया?
वोडाफोन आइडिया टेलीकॉम मार्केट में फिलहाल रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से काफी पीछे है। ऐसे में वह इक्विटी और डेट से जुटाई रकम का इस्तेमाल अपनी सेवाओं को बेहतर करने में करेगी, ताकि वह जियो और एयरटेल का मुकाबला कर सके।
वोडाफोन आइडिया का फोकस 4G कवरेज बढ़ाने और 5G नेटवर्क रोलआउट करने पर है। वह अपनी क्षमता को भी बढ़ाना चाहती है।
वोडाफोन आइडिया का शेयर प्राइस
आखिरी कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार (5 अप्रैल) को वोडाफोन आइडिया का शेयर प्राइस 13.35 रुपये था। पिछले 6 महीने में शेयर ने निवेशकों को 22 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में इसमें 117 प्रतिशत का उछाल आया है।
हालांकि, इस साल यानी 2024 में अब तक वोडाफोन आइडिया के शेयर में 21 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनी के फंड जुटाने की पहल से सोमवार को इसके शेयरों में हलचल दिख सकती है।
(यह निवेश सलाह नहीं है। किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें।)