New Delhi: देश की सीमाओं पर हाल के सालों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर सरकार अब बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स (BSF), इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) को अलग-अलग पूरी तरह समर्पित Satelite बैंडविथ की व्यवस्था देने पर विचार कर रही है। 2016 में Pakistan से आए आतंकवादियों का उड़ी के आर्मी कैंप पर हमला और फिर हाल ही में डोकलाम में चीन के साथ तनातनी के हालात के मद्देनजर निगरानी व्यवस्था को दुरुस्त करने के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।अभी-अभी: CM योगी ने किया ये बड़ा ऐलान, सड़क पर नहीं घूमेगी कोई गाय, अब बनेगे…
इसका मकसद सीमा की पहरेदारी करनेवाले बलों को पाकिस्तानी और चीनी सैनिकों की पल-पल की गतिविधियों और आतंकी घुसपैठ पर नजर रखने में सक्षम बनाना है। इससे पूरे इलाके को समझने और दूर-दराज के इलाकों में प्रभावी संचार स्थापित करने में भी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, अलग से Satelite बैंडविड्थ से संकट के वक्त पड़ोसी देशों की ओर से सीमा पर तैनात किए जा रहे सैनिकों एवं जंग के साजोसामान से जुड़ी क्षमताओं का आकलन भी किया जा सकेगा।
कुछ सरकारी सूत्रों ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि गृह मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाहों ने हाल ही में BSF, ITBP, SSB और इसरो के अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। मीटिंग में सीमा पर पहली लाइन में तैनात सुरक्षाबलों को आदेश व नियंत्रण, संचार, निगरानी, खुफिया और जासूसी क्षमताओं को अभेद्य बनाने की दरकार महसूस की गई। अभी प्रस्ताव तो प्राथमिक चरण में है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक सरकार इसे लेकर काफी गंभीर है। द टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय और सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करनी चाही, लेकिन सफलता नहीं मिली।
एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘बॉर्डर मैनेजमेंट में Satelite अहम भूमिका निभा सकते हैं और Asia में भारत के पास कुछ सर्वोत्तम सैटेलाइट्स हैं। डिफेंस फोर्सेज हमेशा Space technology का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बॉर्डर फोर्सेज को IB, RAW और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन जैसी केंद्रीय एजेंसियों की खुफिया सूचनाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्हें लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर घाटी जैसे इलाकों में कमजोर कम्युनिकेशन सिस्टम का भी सामना करना पड़ता है। रियल टाइम इन्फर्मेशन वाली Satelite टेक्नॉलजी से भविष्य में होनेवाली घटनाओं से आसानी से निपटा जा सकता है।’