गणेश चतुर्थी के ठीक बाद 6 सितंबर से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहा है. श्राद्ध पक्ष में पितरों की कृपा पाने के लिए श्राद्ध और तर्पण किए जाते हैं. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य पर राहु की दृष्टि पड़ रही है या सूर्य और राहु की युति है तो पितृ दोष बनता है. इस दोष से सूर्य के सकारात्मक फल कम हो जाते हैं. कुंडली में जब राहू-सूर्य साथ हो या राहु पंचम भाव में हो या सूर्य राहु के नक्षत्र में हो या पंचम भाव का उप नक्ष्त्र स्वामी राहु के नक्षत्र में हो तो पितृ दोष बनता है.
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मौजूदा खबर अनुसार पितृ दोष के संबंध में मान्यता है कि यदि परिवार में किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है और मृत व्यक्ति का सही विधि से श्राद्ध नहीं हो पाता है तो उस परिवार में जन्म लेने वाली संतान की कुंडली में पितृ दोष रहता है. खासकर पुत्र संतान की कुंडली में ऐसा दोष रहता है. इसकी वजह से उन्हें अपने जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
आएये जानते है इन 10 संकेतों के बारे में जो बढ़ा सकते है आपकी परेशानियाँ !!
- यदि किसी व्यक्ति के घर में उत्तर-पूर्व में या फिर दक्षिण-पश्चिम में शौचालय है तो ये भी पितृ दोष का संकेत है.
- कुछ लोगों की ज़िन्दगी में पितृ दोष इतना प्रभावी रहता है कि व्यक्ति को ज़मीन-जायदाद एवं संपत्ति से बहुत ज्यादा हानि हो सकती है.
- पितृ दोष होने के कारण धन होने पर भी घर में सुख-शांति नहीं रहती है.
- घर में पितृ का स्थान दक्षिण और पश्चिम का कोना माना गया है यानि नैऋत्य कोण. कुंडली मेंबी भी पितृ दोष बनता है तो राहू मजबूत हो जाता है, जिसकी कुंडली में नकरात्मक उर्जा मजबूत होती है उसके घर में इसका असर दिखता है.
- घर में सकरात्मक उर्जा का प्रवाह ईशान कोण से होता है और नकरात्मक उर्जा का प्रवाह नैऋत्य कोण से होता है,कुंडली में पितृ दोष होता है यानि राहू दोष मजबूत होता है. जिस घर में रहते है तो उस घर के नैऋत्य कोण में वास्तु दोष मौजूद होता है.
- नैऋत्य कोण में शौचालय होना, गंदगी होना, नाली होना, दक्षिण-पश्चिम दिशा में गंदगी होती है तो राहू की नकरात्मकता बढती है. ये भी पितृ दोष का संकेत है.
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में पृथ्वी की उर्जा होती है, यदि घर की इस दिशा में अगर पेड़-पौधे होते है या फिर घर की दीवार का रंग हरा होता है तो भी पृथ्वी की उर्जा समाप्त हो जाती है. जिससे घर में वास्तु दोष उत्तपन हो जाता है.
- घर में नैऋत्य कोण रिश्ते का स्थान भी है और अगर यहाँ पर वास्तु दोष होता है तो वैवाहिक जीवन में बहुत सारी परेशानियाँ आती है.
- पितृ दोष की वजह से पति-पत्नी के बीच बार-बार झगडे होते है और अशांति बनी रहती है.