New Delhi: CBI के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर ने बताया कि जब वे राम रहीम पर लगे रेप के मामलों की जांच कर रहे थे, तो उन्हें केस बंद करने की धमकियां मिल रही थीं और कहा गया था कि रेप को बाबा के खिलाफ साजिश करार देकर मामला बंद किया जाए।महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी की धूम, अंबानी के घर पहुंचे सितारे
आपको बता दें कि शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राम रहीम को CBI कोर्ट ने साध्वियों से रेप केस में दोषी पाया है, और 28 अगस्त को उनके गुनाहों की सजा सुनाई जाएगी। इसी बीच CBI के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर मुलिंजा नारायणन का बड़ा बयान सामने आया है कि जब वे रेप केस की जांच कर रहे थे, तो उन्हें तमाम धमकियां दी जा रही थी । और केस को दिमागी खेल बताकर बंद करने के लिए कहा गया था । उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से यह साबित हो गया कि गुनहगार कितना भी बड़ा क्यों ना हो ? कानून से बड़ा नहीं हो सकता ।
आपको बता दें कि जब सितंबर 2002 में रेप केस की जांच CBI को सौंपी गई थी, तो उस समय मुलिंजा नारायणन दिल्ली क्राइम ब्रांच के DGP थे । और केस 12 दिसंबर 2002 को दर्ज किया गया था । उन्होंने बताया कि- CBI के एक बड़े अधिकारी अचनाक उनके कमरे में आए और कहा कि इस केस को बंद करना होगा और कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी । लेकिन उन्होंने केस को बंद नहीं किया और जांच जारी रखी, उन्होंने बताया कि बड़े-बड़े नेता और बिजनेसमैन CBI ऑफिस आकर केस को बंद करवाने के लिए दबाव बनाते थे ।
CBI के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर ने बताया कि जब वे डेरा चीफ से सवाल कर रहे थे, तो राम रहीम काफी डरा हुआ लग रहा था । और उसने किसी भी सवाल की सीधा जवाब नहीं दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि जब वे मामले की जांच कर रहे थे, तो पीड़िता के बयान दर्ज होने थे, तो उन्हें डर था कि कहीं पीड़िता मजिस्ट्रेट के सामने डरकर बयान बदल ना दें, इसलिए उन्होंने कोर्ट में जाने से पहले ही पीड़िता के बयान रिकार्ड कर लिए थे । नारायणन 2009 में रिटायर्ड हुए थे । नारायणन CBI में पहले ऐेसे ऑफिसर थे, जो सीधे सब-इंस्पेक्टर से CBI के ज्वाइंट डायरेक्टर बने।