21 अगस्त 2017 को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगा. संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसा प्रभावशाली ग्रहण 99 साल बाद दिखाई दिया है. लिहाजा लोगों ने विशेष तौर पर छुट्टियां लेकर सूर्य ग्रहण का नजारा देखा. यहां तक कि अमेरिका की सार्वजनिक कंपनियों में इस भौगोलिक घटनाक्रम के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई.तीन तलाक को लेकर SC के फैसले का सीएम योगी ने किया स्वागत, और कहा…
लेकिन जिस ग्रहण का सेलिब्रेशन अमेरिका ने त्योहार की तरह किया उस ग्रहण का असर उसपर अगले 30 दिनों तक रहेगा. क्योंकि ग्रहण लगने के बाद 30 दिनों तक उसका असर तो रहता ही है. इसलिए आने वाले 30 दिन अमेरिका के लिए आसान नहीं होंगे. सूर्य ग्रहण का प्रभाव अगले एक महीने तक अमेरिका पर बना रहेगा. जिसकी वजह से अमेरिका को आर्थिक, सामाजिक क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. आइए सबसे पहले नजर डालते हैं अमेरिका की कुंडली पर…
USA
04-07-1776
time- 10:21
Philadelphia
क्या बन रही है स्थिति
अमेरिका को 4 जुलाई 1776 को आजादी मिली थी. उस समय की कुंडली बनाई जाए तो सिंह लग्न की कुंडली बनती है, जिसमें राहू और बुध 12वें घर में बैठे हैं. ये सूर्य ग्रहण भी सिंह राशि और मघा नक्षत्र में पड़ा है. इसलिए सिंह लग्न वाले अमेरिका पर इसका विशेष असर 30 दिनों तक रहेगा.
अमेरिका का होगा ये हाल
अमेरिका की कुंडली में 12वें घर में राहु और बुध होने की वजह से कई तरह के भ्रम समाज में फैल सकते हैं. अमेरिका में रहने वाले लोग राहु के प्रभाव की वजह से गलत फैसले कर सकते हैं जिसकी वजह से समाज में टेंशन बढ़ सकती है. आर्थिक नुकसान भी हो सकता है.
लग्न का स्वामी सूर्य 11वें घर में अपने मित्र मंगल के साथ है साथ ही बृहस्पति और शुक्र भी 11वें घर में ही बैठे हुआ हैं. चंद्रमा 7वें घर में बैठा हुआ है और लग्न को देख रहा है. वहीं, गोचर में सूर्य, बुध एक साथ सिंह राशि में बैठे हुए हैं, जिन पर राहु की छाया पड़ी है. सूर्य ग्रहण के प्रभाव की वजह से अमेरिका अचानक ऐसे फैसले कर सकता है, जिसका असर लंबे समय तक दिखाई देगा. कुछ देशों के साथ अमेरिका के संबंध और तनाव पूर्ण हो सकते हैं. जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है.
अगले 30 दिनों तक क्या करें
– अमेरिका में रहने वाले लोगों को संयम दिखाना होगा, मन को शांत करके सोच समझ कर निर्णय लेना होगा. किसी के बहकावे में आकर कोई भी काम करने से बचना होगा.
– अमेरिका की सरकार को अगले 30 दिनों तक कोई भी संवेदनशील निर्णय लेने से बचना होगा. देश के आर्थिक और सामाजिक हित को ध्यान में रख कर कार्य करना होगा.