अटल से मोदी युग तक, BJP के संकटमोचक रहे हैं पूरी तरह से वेंकैया...देखे कुछ फोटो

अटल से मोदी युग तक, BJP के संकटमोचक रहे हैं पूरी तरह से वेंकैया…देखे कुछ फोटो

2002 में वेंकैया नायडू को जब बीजेपी अध्यक्ष चुना गया तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मिठाई खिलाकर उनका अभिनंदन किया. यह फोटो दोनों नेताओं के आपसी संबंधों की भी बानगी है.अटल से मोदी युग तक, BJP के संकटमोचक रहे हैं पूरी तरह से वेंकैया...देखे कुछ फोटो

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नायडू को वाजपेयी युग में भी अहम जिम्मेदारी दी गई थी. यह फोटो साल 2002 की है जब उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. तब के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी उनका अभिनंदन कर रहे हैं. 

ग्रामीण इलाकों तक सड़कों के विस्तार के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को अटल सरकार में लॉन्च किया गया था तब वेंकैया नायडू ही ग्रामीण विकास मंत्री थे. यह फोटो जून 2003 की है जब नायडू बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और मुंबई में पार्टी की बैठक के दौरान वह तत्कालीन पीएम वाजपेयी के साथ कुछ गुफ्तगू कर रहे हैं. 

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में नायडू को ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था. फोटो में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन, अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज के साथ देखा जा सकता है. साल 2000 में जब अटल कैबिनेट का विस्तार किया गया तब उन्हें मंत्रिमडल में शामिल किया गया था. 

वेंकैया नायडू साल 2002 से 2004 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. यह फोटो में जनवरी 2014 की है जब बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू के साथ विचार-विमार्श कर रहे हैं. 

नायडू को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है. इसीलिए उन्हें मोदी युग की शुरुआत से ही पार्टी और सरकार में अहम जिम्मेदारियां दी गई थी. सरकार में रहने के दौरान उनकी भूमिका संकटमोचक के तौर पर थी, जब भी सरकार किसी मुद्दे पर घिरती दिखती नायडू सरकार का पक्ष रखने में सबसे आगे नजर आते थे.

वेंकैया नायडू को मोदी सरकार में भी अहम जिम्मादारी दी गई. उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित होने से पहले नायडू पर केंद्र सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री और शहरी विकास मंत्रालय का जिम्मा था. इससे पहले वह मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी रह चुके हैं. नायडू खासकर संसद में फ्लोर मैनेज करने के लिए जाने जाते थे. विपक्षी दलों के नेताओं के साथ उनका अच्छा तालमेल रहा और कई अहम विधेयकों पर विपक्ष को साथ लाने में उनकी अहम भूमिका रही. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ही एक कार्यक्रम में वेंकैया नायडू की किताब का विमोचन किया. किताब में नायडू के राजनीतिक जीवन से जुड़े कई अहम पहलुओं और उनके भाषणों और लेखों को संजोया गया है. उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने के बाद नायडू ने कहा कि अब वे किसी पार्टी के सदस्य नहीं हैं और संवैधानिक मर्यादा निभाने के लिए हरसंभव काम करेंगे. नायडू ने कहा- पार्टी ने उन्हें मां की तरह संभाला.

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