रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा 2 अगस्त से शुरू हो रही है. इससे पहले 31 जुलाई को देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है. स्टेट बैंक ने बचत बैंक खातों के लिए निर्धारित ब्याज को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है.पत्तागोभी की सब्जी के साथ मां-बेटी ने खा लिया सांप, उसके बाद जो हुआ…
बचत बैंक खातों के ब्याज दर पर कटौती के लिए स्टेट बैंक ने कहा है कि 1 करोड़ रुपये से कम जमा पर अब खाताधारकों को महज 3.5 फीसदी ब्याज दिया जाएगा. वहीं खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक बैलेंस रहने पर पहले की तरह 4 फीसदी का ब्याज दिया जाएगा.
स्टेट बैंक द्वारा बचत खातों के ब्याज पर की गई यह बड़ी कटौती 31 जुलाई 2017 से लागू हो जाएगी. बैंक के इस फैसले से बैंक खातों में छोटी रकम रखने वाले ग्राहकों को बड़ा नुकसान होगा.
डिजिटल बैंकिंग में दी थी राहत
इससे पहले 13 जुलाई को स्टेट बैंक ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए नेशनल इलेक्ट्रॉ निक फंड ट्रांसफर (NEFT) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के चार्जेज में 75 फीसदी तक की बड़ी कटौती का ऐलान किया था. बैंक ने इस कटौती को 15 जुलाई से लागू भी कर दिया था. हाल ही में बैंक ने आईएमपीएस तत्काल भुगतान सेवा हस्तांतरण पर शुल्क समाप्त कर दिया है.
एसबीआई की ओर से की गई इस कटौती के बाद नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को फायदा हुआ था. बता दें कि एसबीआई फिलहाल 10 हजार रुपए की NEFT पर ग्राहकों से 2 रुपए वसूलता है. लेकिन अब इस कटौती के बाद चार्जेस घटकर 1 रुपए पर आ जाएंगे. साथ ही, इस पर 18 फीसदी जीएसटी वसूल किया जाएगा.
इससे पहले एफडी पर भी कम हुआ ब्याज दर
7 जुलाई को एसबीआई ने 1 साल के लिए 1 करोड़ से कम राशि वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों को 6.90 फीसदी से घटाकर 6.75 फीसद कर दिया था. यह दर 7 साल के निचले स्तर पर है. एसबीआई ने इस महीने की शुरुआत में 15 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की थी.
एसबीआई के इस कदम के साथ ही यह ब्याज दर साल 2010 की स्थिति में आ गई है. इस समय तक स्टेट बैंक एक साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.75 फीसद ब्याज दिया करते थे. जुलाई में की गई इस कटौती के बाद 1 साल से लेकर 455 दिनों के बीच की अवधि पर जमा राशि की दर 40 बेसिस प्वाइंट गिरकर 6.5 फीसद हो गई है.हालांकि, 456 दिन से लेकर दो साल के बीच अवधि के जमा में 25 बीपीएस की गिरावट के बाद नई दर 6.5 फीसद हो गई है. गौरतलब है कि निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई और एचडीएफसी अभी भी एक साल के जमा दर पर 6.9 फीसद की दर से ब्याज दे रहे हैं.