भोपाल एम्स के ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी के मामले में बागसेवनिया पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी मिलकर प्लाजमा की अंतराज्यीय कालीाबाजारी कर रहे थे। यहां से प्लाजमा चोरी करने के बाद उसे फार्मा कंपनियों को बेचने की तैयारी की जा रही थी। महाष्ट्र में प्लाजमा बेच भी दिया गया था। मामले का मुख्य आरोपी एम्स का ही आउटसोर्स कर्मचारी है। उसकी कंपनी का टेंडल खत्म हो रहा था। एम्स से हटने से पहले ही उसने पुलिस जांच में पता चला है कि एक गिरोह ने अब तक 1150 यूनिट प्लाज्मा चोरी कर महाराष्ट्र के नासिक और औरंगाबाद में स्थित दो निजी लैब को बेचा है। आरोपियों ने 5800 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से प्लाज्मा बेचा है। इन लैब में प्लाज्मा का उपयोग कर बायो मेडिकल दवाएं बनाई जा रही थीं। बुधवार को पूरे मामले का खुलासा एडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी ने किया। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर 1123 यूनिट प्लाज्मा बरामद किया है। जिसकी कुल कीमत 11.72 लाख रुपए बताई जा रही है।
बागसेवनिया पुलिस ने बताया कि गत 19 सितंबर को एम्स के प्रभारी सुरक्षा अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रसाद ने एम्स ब्लड बैंक में रक्त चोरी की घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज कराने आवेदन पत्र दिया था। जिस पर प्रकरण दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान इंचार्ज डाक्टर प्रतूल सिन्हा के बयान होने के बाद पुलिस ने अंकित केलकर व एक अन्य को आरोपी बनाया। आरोपी अंकित केलकर एम्स भोपाल की ब्लड बैंक का आउटसोर्स कर्मचारी था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लिया तथा चोरी गये एफएफपी प्लाज्मा के संबध में पूछताछ की तो आरोपी ने अपने पूर्व के साथी अमित जाटव पिता कमलसिंह जाटव एवं लक्की पाठक पिता देवीप्रसाद पाठक के साथ मिलकर अपराध की घटना को अंजाम देना बताया।