दिल्ली:  दिव्यांग छात्रों के लिए 10 नए केंद्रों को मंजूरी

दिल्ली सरकार ने दिव्यांग छात्रों के लिए 10 नए संसाधन केंद्रों को मंजूरी दी है। इन केंद्रों में फिजियोथेरेपिस्ट, व्यावसायिक चिकित्सक और मनोवैज्ञानिक सेवाएं उपलब्ध होंगी।
शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत 10 नए संसाधन केंद्रों के शुभारंभ और संचालन को मंजूरी दी है। इन केंद्रों का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों (सीडब्ल्यूडी) को चिकित्सीय और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करना है।

इन संसाधन केंद्रों के सुचारू संचालन के लिए शिक्षा निदेशालय ने 18 नवंबर, 2022 के आदेश के तहत जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू किया है, जो नए केंद्रों पर भी लागू होगी। इन केंद्रों में फिजियोथेरेपिस्ट, व्यावसायिक चिकित्सक, वाक् चिकित्सक और पुनर्वास/नैदानिक मनोवैज्ञानिक जैसी विशेष सेवाएं उपलब्ध होंगी। प्रत्येक चिकित्सा सत्र 45 मिनट का होगा और प्रतिदिन आठ सत्र आयोजित किए जाएंगे।

संसाधन केंद्र सप्ताह में छह दिन (राजपत्रित अवकाश, दूसरे शनिवार और रविवार को छोड़कर) सुबह नौ से शाम पांच बजे तक कार्य करेंगे। सभी केंद्रों में सीसीटीवी कवरेज अनिवार्य होगा और बच्चों की सुरक्षा, स्वच्छता और केंद्रों के रखरखाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
विशेष शिक्षा शिक्षक (एसईटी) और स्कूल के विभागाध्यक्ष (एचओएस) बच्चों के मूल्यांकन, रेफरल प्रक्रिया और चिकित्सा सत्रों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यदि एसईटी अनुपलब्ध हो, तो एचओएस द्वारा नामित अन्य शिक्षक बच्चों को संसाधन केंद्र तक ले जाएंगे और उनके अभिभावकों को आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे।

शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा और केंद्रों के रखरखाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। नोडल अधिकारी के रूप में विभागाध्यक्ष को केंद्र की दैनिक गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। रेफरल प्रक्रिया में चिकित्सा रिकॉर्ड और यूडीआईडी प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों को एसईटी और एचओएस द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने बताया बड़ा कदम
दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने इस पहल को समावेशी शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि ये संसाधन केंद्र विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को सशक्त बनाने और उनकी शिक्षा को समृद्ध करने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चा अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचे।

प्रधानाचार्यों की उप शिक्षा निदेशक के पदों पर होगी पदोन्नति
शिक्षा उपनिदेशक (एक्स-कैडर) के पद पर कई प्रधानाचार्यों को लंबे समय के इंतजार के बाद तत्काल प्रभाव से पदोन्नत करने की मंजूरी मिली है। उपराज्यपाल ने एक जुलाई को आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में की गई सिफारिश के तहत इसकी मंजूरी दी है। यह पदोन्नति यूपीएससी के आधार पर की गई है और यह सातवें वेतन आयोग एवं केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2017 के तहत वेतन मैट्रिक्स के स्तर 12 के अनुसार होगी, जिसमें समय-समय पर स्वीकार्य सामान्य भत्ते शामिल हैं।

शिक्षा निदेशालय के अनुसार, यह पदोन्नति इस शर्त पर दी गई है कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कोई सतर्कता मामला लंबित नहीं होना चाहिए। पदोन्नत अधिकारियों को वेतन निर्धारण के लिए केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, एक माह के भीतर एफआर-22 के तहत विकल्प चुनने का अधिकार होगा। आर्थिक लाभ पदोन्नति के बाद उप शिक्षा निदेशक (एक्स-कैडर) के पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से लागू होगा। यह आदेश स्पष्ट करता है कि पदोन्नति का प्रभाव केवल भविष्य में लागू होगा, भले ही रिक्तियां पूर्व वर्षों से संबंधित हों।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com