आगरा: 50 साल बाद दशहरा पर बन रहे हैं दुर्लभ संयोग

विजय दशमी पर बृहस्पतिवार को 50 साल बाद रवि, सुकर्मा एवं धृति का दुर्लभ योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य शिवशरण पाराशर ने बताया कि दुर्लभ योग में नीलकंठ महादेव की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि एवं सफलता के नये द्वार खुलेंगे। इससे पहले ऐसा दुर्लभ योग 1975 में बना था।

उन्होंने बताया कि शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि बुधवार शाम 7.01 बजे से बृहस्पतिवार शाम 7.10 बजे तक है। उन्होंने बताया कि रवि योग (अशुभता का नाश कर सफलता दिलाने वाला), सुकर्मा योग (बिगड़े काम बनाने एवं भाग्य वृद्धि करने वाला), धृति योग (स्थिरता एवं धैर्य प्रदान करने वाला) है। विजय दशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व है। इस दिन श्रीराम ने रावण का वध किया था। बटेश्वर मंदिर के पुजारी जय प्रकाश गोस्वामी, राकेश वाजपेयी ने बताया कि विजय दशमी पर बटेश्वर में श्रद्धालु स्नान कर ब्रह्मलाल महाराज की पूजा करेंगे।

शुभ मुहूर्त में शस्त्र पूजन, वाहन की करें खरीदारी
विजयदशमी (दशहरा) आश्विन मास की शुक्ल पक्ष दशमी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्रा ने बताया कि बुधवार शाम 7:01 बजे से दशमी तिथि प्रारंभ होगी और बृहस्पतिवार शाम 7:10 बजे तक रहेगी। उदय तिथि के कारण बृहस्पतिवार को विजयदशमी (दशहरा) मनाया जाएगा। दशहरा पर दुर्गा पूजन, अपराजिता पूजन, विजय प्रमाण, शस्त्र पूजन, नवरात्र पारण, दुर्गा विसर्जन और शाम को रावण दहन आदि कार्य संपन्न होंगे। दशहरा पर शस्त्र पूजन का शुभ मुहूर्त प्रात: 11:54 बजे से लेकर 1:58 बजे तक और वाहन की खरीदारी के लिए दोपहर 3:42 से शाम 5:11 बजे तक अति शुभ समय रहेगा। इस पर्व पर क्षत्रिय शस्त्रों का पूजन, ब्राह्मण सरस्वती पूजन और वैश्य बही (बही खाते) का पूजन करते हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com