दशहरा का पर्व हर साल अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की रावण पर विजय और मां दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है। इस साल दशहरा 2 अक्टूबर, 2025 यानी आज के दिन मनाया जा रहा है, तो आइए इस आर्टिकल में इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं –
रावण दहन शुभ मुहूर्त
शस्त्र पूजा समय – 2 बजकर 09 मिनट से 2 बजकर 56 मिनट तक।
अपराह्न पूजा का समय – दोपहर 1 बजकर 21 मिनट से 3 बजकर 44 मिनट तक।
रावण दहन का शुभ मुहूर्त – रावण दहन प्रदोष काल में किया जाएगा।
सूर्यास्त समय – शाम 06 बजकर 06 मिनट पर।
भगवान राम की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें।
पूजा स्थान को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
एक वेदी पर भगवान राम, माता सीता और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें।
राम दरबार को रोली, अक्षत, चंदन, फूल और मौसमी फल आदि चीजें अर्पित करें।
घी का दीपक जलाएं।
पूजा के दौरान रामायण, सुंदरकांड या राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
इस दिन शस्त्र पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में अपने अस्त्र-शस्त्र की पूजा जरूर करें।
अंत में भगवान राम की आरती करें और अपनी भूल-चूक के लिए माफी मांगे।
भगवान राम के प्रिय भोग
मिठाई – केसरिया खीर, बेसन के लड्डू और मालपुआ।
फल – मौसमी फल जैसे सेब, केला आदि।
तुलसी दल – भोग और पूजा में तुलसी दल का प्रयोग जरूर करें, क्योंकि भोग बिना तुलसी के अधूरा माना जाता है।
विजय और सफलता के मंत्र
ॐ श्री रामाय नमः॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्॥