एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को BBC- से बढ़ाकर BBC कर दिया है और इसका दृष्टिकोण स्थिर है। यह सुधार भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि संरचनात्मक सुधारों और एक लचीली बैंकिंग प्रणाली को दर्शाता है। यह सुधार भारत के राजकोषीय सुदृढ़ीकरण प्रयासों और व्यापक आर्थिक स्थिरता को भी दर्शाता है।
ट्रंप के टैरिफ के बीच विश्व की क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने भारत की रेटिंग को बढ़ा दिया है। यह भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने आर्थिक लचीलेपन और सतत राजकोषीय समेकन का हवाला देते हुए गुरुवार को भारत की दीर्घकालिक अप्रार्थित सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को “BBC-” से बढ़ाकर “BBC” कर दिया।
14 अगस्त, 2025 को, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक अनचाही सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दिया, और अल्पकालिक रेटिंग को ‘ए-3’ से बढ़ाकर ‘ए-2’ कर दिया। साथ ही, एजेंसी ने अपने हस्तांतरण एवं परिवर्तनीयता मूल्यांकन को ‘बीबीबी+’ से संशोधित करके ‘ए-‘ कर दिया है।
आर्थिक गतिविधियों में तेजी की वजह से बढ़ाई रेटिंग
एजेंसी ने भारत की आर्थिक गतिविधियों में तेजी की वजह से हिंदुस्तान की रेटिंग को निगेटिव से पॉजटिव किया।एजेंसी ने कहा, “स्थिर दृष्टिकोण हमारे इस दृष्टिकोण को दर्शाता है कि निरंतर नीतिगत स्थिरता और उच्च बुनियादी ढाँचा निवेश भारत की दीर्घकालिक विकास संभावनाओं को बढ़ावा देंगे। इसके साथ ही सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति, जो सरकार के बढ़े हुए ऋण और ब्याज के बोझ को कम करती है, अगले 24 महीनों में रेटिंग को मजबूती प्रदान करेगी।”
रेटिंग एजेंसी के अनुसार भारत की रेटिंग में सुधार इसके इसके तेज आर्थिक विकास को दर्शा रहा है। एजेंसी ने कहा कि भारत के बेहतर मौद्रिक नीति ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से लोन संबंधी आंकड़े बेहतर किए हैं।
एजेंसी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे अच्छी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। महामारी के बाद 2022 से 2024 तक भारत की GDP वृद्धि एवरेज 8.8% रही। यह एशिया क्षेत्र में सबसे अधिक है।
एजेंसी ने कहा कि अगे दिन वर्षों के लिए भारत 6.8% वार्षिक वृद्धि की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। इस विकास से भारत सरकार के कर्ज में कमी आएगी।
अगर ऐसा हुआ तो और बढ़ेगा रेटिंग
एजेंसी ने कहा कि अगर राजकोषीय घाटा सार्थक रूप से कम हो जाए और सामान्य सरकारी लोन में शुद्ध परिवर्तन संरचनात्मक आधार पर सकल घरेलू उत्पाद के 6% से नीचे आ जाए, तो हम रेटिंग बढ़ा सकते हैं। बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश में दीर्घकालिक वृद्धि आर्थिक विकास की गतिशीलता को बढ़ावा देगी, जो राजकोषीय समायोजनों के साथ मिलकर भारत की कमजोर सार्वजनिक वित्तीय स्थिति को कम करेगी।
लेकिन एजेंसी ने कहा कि अगर हम देखते हैं कि सार्वजनिक वित्त को मजबूत करने की राजनीतिक प्रतिबद्धता कम हो रही है, तो हम रेटिंग कम भी कर सकते हैं।
भारत पर ट्रंप टैरिफ का असर सीमित
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत पर ट्रंप के टैरिफ का असर बहुत ही सीमित होगा। क्योंकि इंडिया की इकॉनमी 60% घरेलू खपत पर निर्भर है। अमेरिका ने भारत पर कुल 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। 25 फीसदी का टैरिफ 8 अगस्त से पहले ही लागू हो चुका है। 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा।