10 अगस्त को तिरुवनंतपुरम से दिल्ली जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट में तकनीकी खराबी के चलते चेन्नई में आपात लैंडिंग का मामला गरमा गया है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इसे गंभीर सुरक्षा चूक बताते हुए केंद्रीय मंत्री को जांच की मांग वाली चिट्ठी भेजी है। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन नोटिस देकर जवाबदेही तय करने की भी मांग की है।
बीते 10 अगस्त को तिरुवनंतपुरम से दिल्ली जा रही एअर इंडिया के विमान की मौसम खराब होने के चलते आपात लैंडिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां अब इस मामले में मंगलवार को कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को एक चिट्ठी लिखकर एअर इंडिया की उड़ान में हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच कराने की मांग की है। इस फ्लाइट में वे खुद और कुछ अन्य सांसद भी सवार थे। इतना ही नहीं मामले में केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक विशेषाधिकार हनन नोटिस भी सौंपा है। सांसदों का कहना है कि इस घटना ने उनकी सुरक्षा और गरिमा को ठेस पहुंचाई है, इसलिए इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
राम मोहन नायडू को लिखे पत्र में सांसदों ने क्या कहा?
विमान में सवार सभी सांसदों ने मामले की जांच की मांग उठाते हुए पत्र में लिखा कि उड़ान लगातार खराब मौसम और झटकों के बीच हुई और यात्रियों को सीट बेल्ट बांधकर बैठने को कहा गया। इस दौरान न तो खाने की सुविधा दी गई और न ही कोई स्पष्ट जानकारी। पत्र में आगे बताया गया कि मिड-फ्लाइट पायलट ने बताया कि मौसम रडार फेल हो गया है और फ्लाइट को चेन्नई डायवर्ट किया जा रहा है, जबकि उस समय बंगलूरू या कोयंबटूर जैसे नजदीकी एयरपोर्ट भी मौजूद थे।
‘एक घंटे से ज्यादा आसमान में चक्कर काटता रहा विमान’
सांसदों ने पत्र में बताया कि चेन्नई पहुंचने के बाद विमान एक घंटे से ज्यादा आसमान में चक्कर काटता रहा। पहली बार लैंडिंग की कोशिश के दौरान जब विमान केवल 30-40 फीट ऊपर था, तो पायलट ने अचानक लैंडिंग रोक दी और तेजी से ऊपर उड़ान भर ली। बाद में बताया गया कि रनवे पर पहले से एक और विमान मौजूद था।
सांसदों ने की पयालट की तारीफ
आगे सांसदों ने पायलट की सूझबूझ और साहस की तारीफ भी की, लेकिन साथ ही एअर इंडिया की घटना के बाद की गई कार्रवाई और जानकारी देने के तरीके पर सवाल उठाए। सांसदों ने कहा कि एयरलाइन ने सच्चाई छिपाने और यात्रियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने की कोशिश की है। सांसदों ने इस पूरे मामले की तकनीकी और प्रबंधन से जुड़ी हर पहलू की पारदर्शी जांच कराने की मांग की है और कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा विशेषाधिकार हनन नोटिस
अब बात अगर मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र की करे तो संसदों ने मामले में लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन नोटिस सौंपा है। सांसदों ने कहा कि वे उस फ्लाइट में सवार थे, जो निर्धारित समय से देरी से रवाना हुई और पूरी यात्रा के दौरान तेज झटकों का सामना करना पड़ा। न तो यात्रियों को खाना दिया गया, न ही किसी तरह की स्पष्ट जानकारी।
पत्र में आगे लिखा कि उड़ान के बीच में पायलट ने मौसम रडार खराब होने की सूचना दी और विमान को चेन्नई डायवर्ट कर दिया, जबकि बेंगलुरु और कोयंबटूर जैसे एयरपोर्ट उस समय ज़्यादा पास थे। चेन्नई पहुंचने के बाद विमान एक घंटे से ज़्यादा हवा में चक्कर काटता रहा। पहली लैंडिंग की कोशिश के दौरान विमान को अचानक 30-40 फीट की ऊंचाई से ऊपर उठाना पड़ा, क्योंकि रनवे पर कथित रूप से कोई दूसरा विमान मौजूद था।
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