15 बार की नाकामी से मायूस दंपति को AI ने दी ‘औलाद की सौगात’

बच्चे दंपति के वैवाहिक जीवन को पूर्ण बनाते हैं। यह बात भारत ही नहीं, उन देशों के लिए भी सही है, जहां परिवार नाम की संस्था उतनी मजबूत नहीं है। अमेरिका में एक दंपति को बच्चे नहीं हो रहे थे। उन्होंने आईवीएफ का सहारा लिया, लेकिन एक के एक बाद 15 बार प्रयास विफल रहा। इस दरम्यान 19 वर्ष बीत गए।

महिला इस वर्ष मार्च में गर्भवती हो गई

हर तरफ से निराश दंपति के जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) एक चमत्कार बन कर आया। डॉक्टरों ने स्पर्म ट्रैक एंड रिकवरी (स्टार) सिस्टम की मदद ली और महिला इस वर्ष मार्च में गर्भवती हो गई।

टाइम मैगजीन के अनुसार, महिला के पति को एजोस्पर्मिया की समस्या थी। यह ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जिसमें वीर्य में काउंट किए जाने लायक शुक्राणु नहीं होते हैं। एजोस्पर्मिया कंडीशन वाले सैंपल में लैब टेक्नीशियन शुक्राणु नहीं खोज पाते हैं। यह कुछ ऐसा है भूसे के ढ़ेर से सुई खोजना। इस समस्या का समाधान किया स्टार ने।

जिस तरह एस्ट्रोफिजिस्ट्स नए तारों का पता लगाने के लिए एआइ का इस्तेमाल करते हैं, कोलंबिया यूनिवर्सिटी फर्टिलिटी सेंटर के शोधकर्ताओं ने बेहद दुर्लभ स्पर्म को डिटेक्ट करने के लिए स्टार सिस्टम विकसित किया। स्टार डेवलपर और फर्टिलिटी सेंटर के डायरेक्टर डॉ. डेव विलियम्स ने बताया ‘ स्टार ने कुछ घंटो में स्पर्म डिटेक्ट कर लिया।’

एआइ ने ऐसे डिटेक्ट किया शुक्राणु

विलियम्स और उनकी टीम ने स्पर्म का पता लगाने वाले एआइ एग्लोरिद्म का इस्तेमाल करते हुए स्टार सिस्टम को सटीक बनाया। स्पर्म का पता लगाने के लिए तरल चिप द्वारा वीर्य के नमूने को प्लास्टिक चिप पर लगी एक छोटी नली में प्रवाहित किया जाता है।

एआइ जब एक बार स्पर्म की मौजूदगी की पुष्टि कर देता है, तो वीर्य के उस हिस्से को एक अलग नली में डाल दिया जाता है। नमूने में जो भी शुक्राणु बचे हैं, उन्हें इस तरह से अलग किया जा सकता है और या तो अंडे को निषेचित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है या बाद में उपयोग के लिए फ्रीज किया जा सकता है। विलियम्स और उनकी टीम ने दंपति के लिए यही किया।

एजोस्पर्मिया से पीड़ित पुरुषों के लिए बड़ी घटना

पति के शुक्राणु कलेक्ट करने के दो घंटे बाद ही उन्हें पता चला कि पत्नी के अंडों का सफलतापूर्वक निषेचन हो चुका है और कुछ ही दिनों में उन्हें गर्भाशय में स्थानांतरित किया जा सकता है। पत्नी अब चार महीने की गर्भवती है और मां और भ्रूण दोनों स्वस्थ हैं।

कोलबिया यूनिवर्सिटी फर्टिलिटी सेंटर का कहना है कि स्टार सिस्टम एजोस्पर्मिया से पीड़ित पुरुषों के लिए एक बड़ी घटना है। यह कटिंग एज एआइ, हाई स्पीड इमेजिंग और रोबोटिक्स का इस्तेमाल करते हुए न सिर्फ शुक्राणुओं की बहुत कम संख्या को डिटेक्ट कर सकता है बल्कि उनको वीर्य से अलग भी कर सकता है। स्टार ऐसा किसी केमिकल या लेजर के इस्तेमाल के बिना कर सकता है।

इसलिए दूसरे डिटेक्शन सिस्टम से एडवांस है स्टार

स्टार दूसरे एआई डिटेक्शन सिस्टम से इसलिए एडवांस है क्योंकि यह पुरुष बांझपन के मामलों में वीर्य के सैंपल से शुक्राणुओं को सफलतापूर्वक अलग कर सकता है।

विलियम्स ने कहा ‘ परीक्षण के तौर पर, हमने उन सैंपल को इस प्रणाली के जरिये आगे बढ़ाने का फैसला किया जहां भ्रूणविज्ञानियों को कोई शुक्राणु नहीं मिल पा रहा था।

स्टार ने एक घंटे में 44 शुक्राणु खोज निकाले

भ्रूणविज्ञानियों ने शुक्राणु खोजने के लिए कड़ी मेहनत की, क्योंकि वे किसी मशीन से पीछे नहीं रहना चाहते थे। एक सैंपल का उन्होंने दो दिन तक विश्लेषण किया और कोई शुक्राणु नहीं मिला। वहीं, स्टार ने एक घंटे में 44 शुक्राणु खोज निकाले।”

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com