ड्यूक्स गेंद की आलोचना पर कंपनी के मालिक का बयान, दिया हर बात का जवाब

इंग्लैंड में ब्रिटिश क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड ड्यूक्स गेंदों को बनाती है जिसके मालिक भारतीय मूल के बिजनेसमैन दिलीप जजोडिया हैं। पहले इस कंपनी का मालिक इंग्लैंड का ड्यूक्स परिवार था। 1987 में जजोडिया ने इस कंपनी को खरीदा था। ड्यूक्स गेंद पर चल रहे हालिया विवाद पर दिलीप ने दैनिक जागरण से कहा कि स्टुअर्ट ब्राड से पूछो, उन्होंने ड्यूक गेंद से कितने विकेट लिए हैं। मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं। खिलाड़ी मेरी गेंद की आलोचना कर सकते हैं लेकिन क्या मैं उनके खेल की आलोचना कर सकता हूं कि उन्होंने खराब शॉट खेला या खराब गेंदबाजी की, नहीं।

उन्होंने कहा, “आपको थोड़ा संवेदनशील होना चाहिए। आप मेरी और मेरी गेंद की नहीं बल्कि आप उन सभी लोगों की आलोचना कर रहे है, जिनकी मेहनत इसके पीछे लगी है।”

फुटबॉल की तरह नहीं कर सकते टेस्टिंग
तीसरा टेस्ट देखने लॉर्ड्स आए जजोडिया ने कहा कि गेंद बनाने में कई तकनीकी पहलू होते हैं और फुटबॉल की तरह हम इसकी टेस्टिंग नहीं कर सकते हैं। क्रिकेट गेंदों की टेस्टिंग केवल मैदान पर खेलकर की जा सकती है। अगर गेंद को लेकर प्रश्न उठ रहे हैं तो इस पर बात होनी चाहिए। गेंद को बनने में काफी समय लगता है और आप अचानक उठकर यह नहीं कह सकते हैं कि इसमें दिक्कत है, हमें कुछ और प्रयोग करना चाहिए। इसमें मौसम बड़ा कारण है और मेरा मानना है कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है।

गेंदबाज रोते हैं रोना
पहले के गेंदबाजों की तुलना में वर्तमान में गेंदबाज क्या ज्यादा ही गेंद का रोना रोते हैं, इस पर दिलीप ने कहा कि लोगों का यह समझना होगा कि क्रिकेट की गेंद बनाना आसान नहीं होता है। अगर होता तो हर कोई यही काम रहा होता। दुनिया में केवल तीन ही मान्यता प्राप्त गेंद निर्माता हैं, कुकाबूरा, एसजी और ड्यूक्स। ये आसान नहीं है, अगर होता तो दुनिया में 100 से ज्यादा क्रिकेट की गेंद बनाने वाले हैं, वो क्यों नहीं विश्व क्रिकेट के लिए गेंद बना रहे हैं। अगर कोई समस्या है तो हम इसका आकलन करेंगे और समस्या का समाधान करेंगे।

गेंदों का स्वरूप बिगड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि इंग्लैंड का मौसम बड़ा कारक है। इसके अलावा खेलने की परिस्थितियां और जिस तरह से क्रिकेट बदला और जो बल्ले इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उसका असर भी पड़ा है। सभी चीजों का विश्लेषण होना चाहिए। टेस्ट सीरीज के बीच इस पर चर्चा हो रही है, लेकिन आप देखें तो दोनों मैचों में नतीजे निकले हैं। दूसरे टेस्ट में भारतीय कप्तान ने सबसे ज्यादा रन बनाए। दो गेंदबाजों ने छह विकेट लिए। असुविधा के लिए मैं माफी चाहता हूं, लेकिन आप क्रिकेट खेल रहे हैं और वही मुख्य चीज है। हम टेस्ट मैच के लिए सबसे अच्छी गेंद चुनते हैं। हम खराब 12 गेंद नहीं चुनेंगे। अगर गेंद आकार बदल रही है तो हमने जानबूझकर इन्हें नहीं बनाया है।

जजोदिया से जब पूछा गया कि आज 48 गेंद बाद ही गेंद को बदलना पड़ गया तो उन्होंने कहा कि मैंने वो गेंदें नहीं देखी थीं। क्यों उन्हें बदला गया, जब तक मैं गेंद को नहीं देखता तो मैं कैसे बता सकता हूं कि ऐसा क्यों हुआ। कई बार बल्लेबाज के शॉट खेलते हुए लेदर कट जाता है। अगर गेंद अच्छी होती है तो कोई भी हमें श्रेय नहीं देता है। मैंने दो कारण बताए, पहला गर्म मौसम और दूसरा बल्ले काफी भारी और पावरफुल हैं। बाउंड्री के बाहर भी गेंद भारी वस्तुओं से टकराती रहती है। मैं यहां कहना चाहूंगा कि अगर हम सख्त गेंदे बनाते हैं तो वह नियमानुसार नहीं होंगी और न ही खेल के लिए अच्छी होंगी। जो गेंद इंग्लैंड की परिस्थितियों में आदर्श हैं, उसका इस्तेमाल वेस्टइंडीज या भारत में नहीं किया जा सकता। हालांकि यहां भी फिलहाल परिस्थितियां भारत जैसी ही हैं।

भारत में बनेंगी ड्यूक्स
अभी तक ड्यूक्स गेंदें सिर्फ इंग्लैंड में बनती हैं और अंतरराष्ट्रीय मैचों में इसका प्रयोग इंग्लैंड एवं वेल्स, वेस्टइंडीज, आयरलैंड और स्कॉटलैंड क्रिकेट बोर्ड करते हैं। जजोडिया ने कहा कि हमने पूर्व आईपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल और उनके बेटे के साथ मिलकर 10 दिन पहले बेंगलुरु में नई कंपनी रजिस्टर्ड की है। अब मेरठ में भी इन गेंदों को बनाया जाएगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com