चीन के स्कूलों में कैदी की तरह रह रहे 10 लाख तिब्बती बच्चे

चीन तिब्बत का एक चेहरा दुनिया को दिखाता है, जिसमें शानदार गगनचुंबी इमारतें हैं और शानदार इंफ्रास्ट्‌र्क्चर है। लेकिन तिब्बत का एक दूसरा चेहरा भी है, जिसे दुनिया से छिपाकर रखा जाता है।

छिपाकर रखे गए इन चेहरों में चीन सरकार की तरफ से वहां चलाए जा रहे बोर्डिंग स्कूल भी हैं, जिसमें लाखों बच्चों को कैदी की तरह जबरदस्ती रखा जाता है। इस बात का पर्दाफाश तिब्बतन एक्शन इंस्टीट्यूट (टीएआई) की एक नई रिपोर्ट में किया गया है।

बोर्डिंग स्कूलों में 10 लाख तिब्बती बच्चे
इसे शुक्रवार को एक कार्यक्रम में रिलीज किया गया। इसके मुताबिक, 10 लाख के करीब तिब्बती बच्चों को सरकार की तरफ से संचालित बोर्डिंग स्कूलों में रखा गया है। इसमें चार से छह वर्ष के बच्चों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। टीएआई की यह रिपोर्ट कई वर्षों की साहसिक मेहनत का काम है। जिसमें इन बच्चों के सैकड़ों अभिभावकों का साक्षात्कार शामिल है।

टीएआई ने कहा है कि चीन की सरकार जहां दलाई लामा संस्थान पर ही सवाल उठा रही है और उन्हें गलत साबित करने की कोशिश कर रही है, वहीं बोर्डिंग स्कूल के नेटवर्क के जरिये तिब्बती बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है। इसका एकमात्र उद्देश्य तिब्बत के असली निवासियों की पहचान को खत्म करना है।

4500 साल पुरानी संस्कृति नष्ट करने की कोशिश
इस ग्राउंड रिपोर्ट को तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. ग्याल लो का कहना है कि 4500 साल पुरानी परंपरा और संस्कृति को नष्ट करने की यह रणनीति राष्ट्रपति शी चिनफिंग की है। इसमें से अधिकांश स्कूल ग्रामीण इलाकों में हैं, जहां छोटे- छोटे बच्चों को निशाने पर लिया जाता है। इसमें 18 वर्ष से कम आय़ु के बौद्ध भिक्षुओं को भी जबरदस्ती भर्ती किया जाता है। बच्चों को जबरन उनके परिवारों से अलग कर दिया जाता है।

आमदो और खाम राज्य में इस तरह के 50 से ज्यादा स्कूलों का दौरा करने के बाद रिपोर्ट तैयार की गई है। यहां तिब्बत के बौद्ध धर्म के बारे में नहीं बल्कि चीन की पहचान, एकल संस्कृति और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बारे में बताया जाता है। तिब्बत एक्शन ने संयुक्त राष्ट्र, भारत सरकार व दुनिया के अन्य देशों से आग्रह किया है कि वह चीन की सरकार से इस रिपोर्ट की जांच कराने की मांग करे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com