भारतीय तटरक्षक बल में शामिल हुआ गश्ती पोत ‘अदम्य’

अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से युक्त तीव्र गति वाले गश्ती पोत (एफपीवी) ‘अदम्य’ को गुरुवार को भारतीय तटरक्षक बल में शामिल किया गया। भारतीय तटरक्षक बल (आइसीजी) के लिए निर्मित आठ गश्ती पोतों की श्रृंखला में यह पहला पोत है।

गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा डिजाइन और निर्मित यह पोत भारत की बढ़ती जहाज निर्माण क्षमता का प्रतीक है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एफपीवी यार्ड 1271 ‘अदम्य’ को शामिल करके आइसीजी समुद्री सुरक्षा और स्वदेशी जहाज निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है।

60 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री से बना है अदम्य एफपीवी
‘अदम्य’ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से बना है। इसका निर्माण पूरी तरह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के तहत हुआ है। यह न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता का भी प्रतीक है।

‘अदम्य’ आइसीजी बेड़े में अपने वर्ग का पहला पोत है, जिसमें कंट्रोल करने योग्य पिच प्रोपेलर्स और स्वदेशी रूप से विकसित गियरबाक्स शामिल हैं, जो समुद्र में बेहतर संचालन, गतिशीलता और प्रदर्शन करेगा।

पोत अत्याधुनिक तकनीक से लैस
आइसीजी ने बताया कि यह पोत अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जिसमें 30 मिमी सीआरएन-91 गन, फायर कंट्रोल सिस्टम के साथ दो 12.7 मिमी स्थिर रिमोट-कंट्रोल गन, एक एकीकृत ब्रिज सिस्टम (आइबीएस), एक एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली (आइपीएमएस) और एक स्वचालित पावर प्रबंधन प्रणाली (एपीएमएस) शामिल हैं।

समुद्री क्षेत्र में अधिक सटीकता, दक्षता होगी
अधिकारियों ने कहा कि ये उन्नत प्रणालियां भारतीय तटरक्षक बल को समुद्री क्षेत्र में अधिक सटीकता, दक्षता और जवाबदेही के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम बनाएंगी।

समुद्री सुरक्षा, तटीय निगरानी में होगा इजाफा
आइसीजी ने कहा कि ‘अदम्य’ जैसे एफपीवी के बेड़े में शामिल होने से ताकत और बढ़ जाएगी, जिससे समुद्री सुरक्षा, तटीय निगरानी, खोज और बचाव कार्यों तथा भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए त्वरित प्रतिक्रिया संभव होगी। गौरतलब है कि इस श्रृंखला में पांचवें एफपीवी ‘अचल’ को 16 जून को औपचारिक रूप से लांच किया गया था।

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