अब दुश्मन को खुद पहचानकर हमला करेगी भारती की AI मशीन गन, ट्रायल टेस्ट में हुई पास

एक भारतीय कंपनी ने भारतीय सेना के साथ मिलकर देश में पहली बार एआई से लैस घातक हथियार प्रणाली का परीक्षण किया है। इस परीक्षण में एक ऑटोमैटिक मशीन गन का इस्तेमाल किया गया जो लंबी दूरी पर सटीकता के साथ लक्ष्यों का पता लगाने और उन पर हमला करने में सक्षम है। यह एआई का उपयोग करके अपने रक्षा प्लेटफार्मों को आधुनिक बनाने के भारत के प्रयासों में एक बड़ा कदम है।

भारतीय सेना के सहयोग से 14,000 फीट की ऊंचाई पर परीक्षण किया गया
अधिकारियों ने बताया कि देहरादून स्थित रक्षा फर्म बीएसएस मैटेरियल लिमिटेड द्वारा विकसित, एआई-संचालित नेगेव एलएमजी का भारतीय सेना के सहयोग से 14,000 फीट की ऊंचाई पर परीक्षण किया गया।

उन्नत हथियार प्रणाली ने चुनौतीपूर्ण पर्वतीय वातावरण में लक्ष्यों की स्वायत्त पहचान करने और उन पर हमला करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया, जो भारत के दुर्गम सीमावर्ती क्षेत्रों में संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ है।

कार्यक्षमता और सटीकता पर केंद्रित ये परीक्षण ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत स्वदेशी नवाचार के माध्यम से सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं।

कैसे काम करती है मशीन
मशीन गन कम दृश्यता में लक्ष्यों का पता लगाने के लिए थर्मल और ऑप्टिकल सेंसर के संयोजन का उपयोग करती है और हवा, तापमान और सीमा जैसे कारकों के लिए बैलिस्टिक क्षतिपूर्ति का उपयोग करती है। सिस्टम को एन्क्रिप्टेड कमांड लिंक का उपयोग करके दूर से संचालित किया जा सकता है, जिससे सैनिकों को उजागर स्थानों पर रखने की आवश्यकता कम हो जाती है।

21 दिनों तक बंकर के अंदर एक स्वायत्त मोड में काम कर सकती मशीन
बीएसएस इंजीनियरों ने बताया कि शुरुआती परीक्षण 5 अप्रैल को रुड़की में शुरू हुए और उच्च ऊंचाई वाला चरण 14,500 फीट पर हुआ। कंपनी ने यह भी कहा कि हथियार प्रणाली 21 दिनों तक बंकर के अंदर एक स्वायत्त मोड में काम कर सकती है। इसे एक स्थिर प्रणाली का उपयोग करके बख्तरबंद वाहनों और नौसैनिक प्लेटफार्मों पर भी लगाया जा सकता है।

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