बाएं कंधे पर तिल वाले होते हैं संवेदनशील, करते हैं दूसरों की मदद

ज्‍योतिष की एक शाखा सामुद्रिक शास्‍त्र है, जिसमें शरीर की बनावट के आधार पर भविष्य के संकेतों के बारे में बताया जाता है। समुद्र शास्त्र के मुताबिक, बाएं कंधे पर तिल होना (mole meaning on chin) भावनात्मक और संवेदनशील व्यक्ति की पहचान होता है।
बाएं कंधे पर तिल वाले लोग सुरक्षात्मक प्रवृत्ति, परिवार और घर की जिम्मेदारियों को उठाने वाले और क्रिएटिव काम करने वाले होते हैं। ऐसे लोगों की आध्यात्म में रुचि होती है और समय-समय पर आत्मनिरीक्षण भी करते हैं। इनकी यही खूबी इन्हें दूसरों से अलग बनाती है।

ऐसे लोग अपनी गलतियों से न सिर्फ सीखते हैं, बल्कि उसे दोबारा करने से बचते भी हैं। संवेदनशील और भावुक होने की वजह से इन्हें जब कोई ठेस पहुंचाता है, तो उसे माफ करना इनके लिए मुश्किल होता है। हालांकि, दूसरे लोगों के प्रति इनमें गहरी सहानुभूति होती है।

घर परिवार को देते हैं प्रॉयोरिटी
बाएं कंधे पर तिल वाले लोग अपने घर और परिवार को सबसे ऊपर रखते हैं। ये लोग घर का माहौल अच्छा बनाने के लिए हमेशा कोशिश करते रहते हैं। परिवार के नैतिक मूल्यों और परंपराओं के साथ कभी समझौता नहीं करते हैं।

ऐसे लोग जीवन का आनंद लेते हैं। संबंधों में ज्यादा दिमाग नहीं लगाते हैं। जीवन के प्रति सकारात्मक सोच के साथ चलते हैं और जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करने की या पाने की पूरी कोशिश करते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ सकते हैं।

परपज ऑफ लाइफ की करते हैं तलाश
ऐसे लोगों को भौतिक दुनिया के सुखों से ज्यादा जीवन के उद्देश्य यानी परपज ऑफ लाइफ की तलाश रहती है। बाएं कंधे पर तिल वाले लोगों के पास कोई न कोई ऐसा मकसद होता है, जिसके लिए वह सोच रहे होते हैं या काम कर रहे होते हैं।

जीवन को लेकर इनका नजरिया फिलोसफी से भरा होता है। ऐसे लोग ध्यान, योग या आध्यात्मिक गतिविधियों को करते रहते हैं। क्रिएटिव होने की वजह से इनके द्वारा किए गए हर काम में अलग ही झलक दिखाई देती है।

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