देश के ओलंपिक पदक तालिका में इजाफा करने की दिशा में खेल मंत्रालय ने कॉर्पोरेट जगत और सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) को खेलों से जोड़ने की पहल तेज कर दी है। इसके तहत मंत्रालय ने देश के प्रमुख कॉर्पोरेट घरानों और पीएसयू के साथ एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की जिसमें बीसीसीआई सहित 50 से अधिक संस्थानों ने भाग लिया।
खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस बैठक में नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, कोल इंडिया और बीसीसीआई समेत अन्य प्रतिनिधियों से खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, पोषण और कोचिंग की जिम्मेदारी उठाने का अनुरोध किया। सूत्रों के अनुसार, लगभग सभी कंपनियों ने सैद्धांतिक रूप से सहयोग देने पर सहमति जताई है। बीसीसीआई की ओर से बैठक में उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला शामिल हुए जिन्होंने तीन खेलों को अपनाने की इच्छा जताई।
BCCI उठाएगा खर्चा
सूत्रों ने बताया बीसीसीआई समेत कई संस्थान बहुत उत्साहित दिखे। मंत्रालय ने सभी से इस संबंध में ठोस योजना मांगी है। प्रस्तावित योजना के अनुसार कंपनियां चयनित खेलों के प्रशिक्षण, पोषण और कोचिंग की व्यवस्था करेंगी। इसमें मंत्रालय और संबंधित राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधियों वाली एक निगरानी समिति भी होगी जो इस प्रक्रिया पर नजर रखेगी।
जारी रहेगी सरकारी फंडिंग
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया इस पहल का यह मतलब नहीं है कि सरकार वित्तीय सहयोग बंद कर देगी। सरकारी फंडिंग जारी रहेगी, लेकिन हमें प्रशिक्षण और निर्णय प्रक्रिया में पेशेवर निगरानी चाहिए, जो कॉर्पोरेट जगत से मिल सकती है। बीसीसीआई ने पहले भी समय-समय पर ओलंपिक खेलों में मदद की है।
8.5 करोड़ रुपये देने की घोषणा
पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय दल को सहयोग देने हेतु बीसीसीआई ने भारतीय ओलंपिक संघ को 8.5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। साथ ही लास एंजेलेस ओलंपिक में क्रिकेट के शामिल होने से बीसीसीआई की खेलों में भागीदारी का रास्ता खुला है।