लखीमपुर खीरी में किशनपुर सेंक्चुरी की बेलडंडा की बाघिन दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन के तलाशी अभियान के दौरान 14वें दिन शुक्रवार सुबह बेलडंडा क्षेत्र के एक वाटरहोल में बैठी दिखाई दी। इस बात की पुष्टि दुधवा नेशनल पार्क उपनिदेशक डॉ. रंगाराजू टी ने की है। बाघिन के दिखने के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
दुधवा की रानी कही जाने वाली बेलडंडा की बघिन करीब तीन माह पहले आपसी संघर्ष में घायल हो गई थी। बाघिन की हालत खराब होने पर दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने इलाज के लिए उसकी तलाश शुरू की। पिछले 14 दिनों से दुधवा की प्रशिक्षित राजकीय हथिनी पवनकली और सुलोचना के साथ-साथ वन कर्मियों व पशु चिकित्सकों की टीम उसे तलाश कर रही थी। बाघिन की लोकेशन पता लगाने के लिए 30 कैमरे भी लगाए गए थे, लेकिन उसकी तस्वीर किसी कैमरे में कैद नहीं हुई और न ही प्रत्यक्ष रूप से किसी टीम को दिखाई दी।
पानी में बैठी बाघिन का वीडियो बनाया
तलाश में जुटी वन कर्मियों की टीम को शुक्रवार सुबह किशनपुर अभयारण्य के एक वाटरहोल में बाघिन के बैठी दिखाई दी। निगरानी टीमों की सूचना पर पहुंचे उपनिदेशक डॉ. रंगाराजू टी ने पानी में बैठी बाघिन को देख इस बात की पुष्टि की। पानी में बैठी बाघिन का वीडियो बनाया और फोटो भी खींचे। माना जा रहा है कि गर्मी से निजात पाने के लिए बाघिन पानी में बैठी है।
दुधवा टाइगर रिजर्व के एफडी डॉ. एच. राजामोहन ने बताया कि किशनपुर अभयारण्य में तलाशी अभियान के दौरान 14 वें दिन शुक्रवार सुबह बाघिन बेलडंडा क्षेत्र के एक वाटरहोल में बैठी मिली। बाघिन स्वस्थ दिख रही है। हालांकि निगरानी टीमों को उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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