कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मंगलवार को अपने कैबिनेट में फेरबदल की घोषणा की, जिसमें भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया है।
पहली बार हिन्दू महिला बनी कनाडा की विदेश मंत्री
यह कदम उन्होंने हाल ही में पुन: निर्वाचित लिबरल सरकार के गठन के तहत उठाया है। अनीता आनंद ने मंगलवार को गीता पर हाथ रखकर नए विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। वह कनाडा की विदेश मंत्री बनने वाली पहली हिन्दू महिला भी हैं।
कनाडा कई विदेशी मामलों की चुनौतियों से निपट रहा है। इस साल की शुरुआत में जस्टिन ट्रूडो की जगह लेने वाले और पिछले महीने चुनाव जीतने वाले कार्नी ने अनीता आनंद को मेलानी जोली की जगह विदेश मंत्री नियुक्त किया है। मेलानी जोली को उद्योग मंत्री बनाया गया है। अनीता आनंद ने पहले रक्षा मंत्री सहित कई भूमिकाएं निभाई हैं।
अनीता आनंद का भारत कनेक्शन
अनीता आनंद का जन्म केंटविले, नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता भारतीय फिजिशियन थे। उनके पिता तमिलनाडु से थें और मां पंजाब से थीं। अनीता की दो बहनें हैं गीता और सोनिया आनंद।
विदेश मंत्री की शपथ लेने के बाद अनीता आनंद ने सोशल मीडिया प्लटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “कनाडा के विदेश मामलों की मंत्री बनाए जाने पर मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं। मैं एक सुरक्षित, निष्पक्ष दुनिया बनाने और कनाडाई लोगों के लिए काम करने के लिए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और हमारी टीम के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।”
कौन हैं अनीता आनंद?
कनाडा के ओकविले ईस्ट से संघीय चुनाव जीतकर आने वालीं अनीता आनंद ने 2019 से 2025 तक हाउस ऑफ कॉमन्स में ओकविले राइडिंग सीट का प्रतिनिधित्व क्या है। उन्होंने सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री, राष्ट्रीय रक्षा, परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री और ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष सहित कई प्रमुख विभागों को भी संभाला है।
1985 में 18 वर्ष की आयु में अनीता आनंद ओंटारियो चली गईं और यहां से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में एकेडमिक डिग्री हासिल की और बाद में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से न्यायशास्त्र में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स) किया।
कब हुई अनीता आनंद की शादी?
इसके बाद उन्होंने डलहौजी यूनिवर्सिटी और टोरंटो यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 1995 में एक कनाडाई वकील और बिजनेस एक्जीक्यूटिव जॉन नोल्टन के साथ उन्होंने शादी की और उनके चार बच्चे हैं।
2019 में कनाडा के फेडरल कैबिनेट में सेवा देने वाली अनीता पहली हिन्दू बनीं। तब से लेकर अब तक उन्होंने अपने अनुशासित और केंद्रित दृष्टिकोण के लिए प्रशंसा अर्जित।
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