नई दिल्ली। महाराष्ट्र में इन दिनों गणेशोत्सव की धूम है। लाखों घरों से लेकर हज़ारों सार्वजनिक पंडालों में बप्पा विराजे हैं। कई जगहों पर मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस की है तो कई जगहों पर पर्यावरण को बचाने के लिये मिट्टी की लेकिन अकोला में विनायक को कुछ खास तरीकआतंकी हमलों के बीच पाक में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का रास्ता हुआ साफ, जानिए कैसे
महाराष्ट्र के अकोला में वीर भगतसिंह गणेश मंडल ने चंदे के तौर पर जमा किये पूरे 11 लाख रुपये और उसी से बना दी बप्पा की मूर्ति। लंबोदर के इस रूप को एक दिव्यांग कलाकार ने साकार किया है।
1000-1000 के नोटों को कैनवास पर पेपर पिन से जोड़ने वाले अकोला के गवलीपुरा परिसर के रहने वाले टिल्लू टावरी हैं। इस प्रतिमा में 10 रुपये से लेकर हज़ार रुपये तक के नोट लगाये गये हैं। आपको बता दे कि इस रूप को साकार करने में टिल्लू को 15 दिन लग गए।
इस अनूठी मूर्ति के लिये पहले ज़िला प्रशासन और पुलिस ने मंज़ूरी देने से मना कर दिया था लेकिन जब मंडल के सदस्यों ने अपनी मूर्ति की सुरक्षा का जिम्मा खुद लेने पर हामी भरी तो प्रशासन ने इसकी इजाज़त दे दी।