दिल्ली: खेल मंत्रालय को हाईकोर्ट का निर्देश, केजरीवाल की जमानत के खिलाफ सुनवाई टली

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि खेल मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा आयोजित खेल आयोजनों में पुरुष और महिला एथलीटों की भागीदारी में समानता बनी रहे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय खेल मंत्रालय को राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पुरुष और महिला खिलाड़ियों की समान भागीदारी के लिए निर्देशित किया है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने मंत्रालय को यह भी निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि भाग लेने वाले एथलीटों का समूह इतना व्यापक हो कि इसमें न केवल अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने वाले एथलीट शामिल हों, बल्कि इसमें घरेलू या स्थानीय या खेलो इंडिया में भाग लेने वाले एथलीट भी शामिल हों।

हाईकोर्ट भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) द्वारा 13 फरवरी, 2025 को जारी अधिसूचना के खिलाफ सुनवाई कर रहा था। हाईकोर्ट ने कहा कि महिला एथलीटों ने देश को महत्वपूर्ण खेल गौरव दिलाया है और ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, जहां खेल आयोजनों में पुरुष और महिला दलों के बीच संतुलन बनाए नहीं रखा जाता है।

निजी आभूषणों को जब्त नहीं कर सकता कस्टम विभाग: हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यूएई की नाबालिग किशोरी के निजी आभूषण वापस दिए जाने का निर्देश दिया है। कस्टम विभाग ने किशोरी के आभूषणों को जब्त कर लिया था जब वह एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए भारत आई थी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों से यह स्पष्ट है कि निजी आभूषणों को जब्त नहीं किया जा सकता है। दिल्ली हवाई अड्डे पर उसके पेंडेंट के साथ सोने की चेन को सीमा शुल्क अधिकारियों ने जब्त कर लिया। न्यायाधिकरण ने आभूषण जब्त करने और जुर्माना और जुर्माना अदा करने पर उसे छुड़ाने का आदेश पारित किया।

पूर्व सीएम केजरीवाल की जमानत के खिलाफ सुनवाई टली
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत के खिलाफ सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई। न्यायमूर्ति रविंद्र डुडेजा की अदालत में मामले की सुनवाई होनी थी। समय की कमी होने के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट मास्टर मामले के लिए नई तारीख जल्द तय करेंगे। इससे पहले जनवरी में भी परिवर्तन निदेशालय ने सुनवाई टालने की मांग की थी। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को बीती जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार और धनशोधन मामलों में जमानत दी थी। जांच एजेंसी ने धनशोधन मामले में केजरीवाल की जमानत को चुनौती दी है।

सामूहिक दुष्कर्म मामले में 4 दोषियों को 20 साल कैद
कड़कड़डूमा कोर्ट ने अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म, अवैध रूप से बंधक बनाने, चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी से जुड़े एक दशक पुराने मामले में चार दोषियों को 20 साल कैद की सजा सुनाई है। दोषियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। मामले में वर्ष 2015 में थाना मंडावली में एफआईआर दर्ज की गई थी। पीड़िता को 3 अगस्त 2015 को नौकरी दिलाने के बहाने अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) स्वाति कटियार ने दोषी बिजनेश उर्फ दीपक और उसके छोटे भाई दिनेश को सामूहिक दुष्कर्म के अपराध के लिए 20 साल की सजा, अपहरण के लिए 7 साल की सजा, अवैध रूप से बंधक बनाने के लिए एक साल की सजा, चोट पहुंचाने के लिए एक साल की कैद, आपराधिक धमकी के लिए दो साल की कैद की सजा सुनाई। वहीं, बिजनेश की पत्नी नेहा और दिनेश की पत्नी रूबी को आरोप में समान सजा सुनाई गई। अदालत ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सीएचआरआई की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र से नागरिक समाज संगठन कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव की उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें उसके एफसीआरए पंजीकरण को रद्द करने को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने मामले में अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर दिए बिना उसके वैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए 12 सितंबर, 2024 को उसका पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया। याचिकाकर्ता का पंजीकरण जून, 2021 में केंद्र ने निलंबित कर दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि रद्द करने का आदेश अनुचित, अतार्किक, अस्पष्ट, बिना किसी विचार के और पूरी तरह से गलत तथ्यों पर आधारित था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद केंद्र से जवाब मांगा।

डीजेबी मामले में राघव चड्ढा को चार्जशीट देने का आदेश
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2020 के दिल्ली जल बोर्ड तोड़फोड़ मामले में शिकायतकर्ता सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट की कॉपी उन्हें मुहैया कराने को कहा है। मामला चड्ढा की शिकायत पर 2020 में दर्ज किया गया था। बाद में उन्होंने जांच की निगरानी के लिए याचिका दायर की।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) पारस दलाल ने कहा कि अदालत यह सुनिश्चित करेगी कि उनके आवेदन के मद्देनजर उन्हें आरोपपत्र की एक प्रति मिले। अदालत ने मामले की सुनवाई 7 अप्रैल को तय की है। इस मामले में भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया, भाजपा नेता आदेश गुप्ता और अन्य आरोपी हैं। सुनवाई के दौरान आदेश गुप्ता व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, चंदोलिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए।

इंजी. राशिद को जेल से बचने के लिए संसदीय पद का लाभ नहीं दिया जा सकता : एनआईए
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बारामुला से सांसद इंजीनियर राशिद की कस्टोडियल पैरोल का विरोध किया। अदालत में एनआईए ने कहा कि इंजीनियर राशिद को कारावास की कठोरता से बचने के लिए अपने संसदीय दर्जे का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। राशिद ने 10 मार्च के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें उन्हें 4 अप्रैल तक लोकसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए हिरासत पैरोल या अंतरिम जमानत देने से इन्कार कर दिया गया था।

जांच एजेंसी ने कहा कि सांसद पर आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गंभीर आरोप हैं। एनआईए ने तर्क दिया कि राशिद को न तो अंतरिम जमानत दी जा सकती है और न ही हिरासत पैरोल दी जा सकती है, क्योंकि उन्हें वैध हिरासत में रहते हुए संसद सत्र में शामिल होने का कोई लागू करने योग्य अधिकार नहीं है। एजेंसी ने उन पर फोरम शॉपिंग करने और कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

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