शनिवार सुबह यह विवाद तब बढ़ गया जब मेवा सिंह ने फेसबुक लाइव के जरिए सरपंच सुखविंदर सिंह के खिलाफ अपशब्द कहे और उन पर गंभीर आरोप लगाए। इस वीडियो के वायरल होते ही हलवारा गांव में हंगामा मच गया।
पंजाब सरकार की ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ मुहिम के तहत पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। इसी बीच, आम आदमी पार्टी के स्थानीय नेताओं के बीच इस मुद्दे पर आपसी टकराव देखने को मिला। हलवारा गांव के सरपंच सुखविंदर सिंह और पार्टी के हल्का रायकोट एससी विंग प्रधान मेवा सिंह के बीच विवाद शनिवार को सड़क पर आ गया।
सरपंच सुखविंदर सिंह लंबे समय से गांव को नशा मुक्त करने के प्रयासों में जुटे हैं और उन्होंने नशा तस्करों के खिलाफ कमेटी गठित कर पुलिस से सहयोग बढ़ाने का फैसला लिया। इसके तहत, उन्होंने नशा तस्करों की जमानत करवाने वालों के खिलाफ भी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा। वहीं, मेवा सिंह ने उन पर गांव के युवाओं को झूठे मुकदमों में फंसाने और नशा करने वालों को नशा तस्कर बताकर जेल भेजने का आरोप लगाया।
शनिवार सुबह यह विवाद तब बढ़ गया जब मेवा सिंह ने फेसबुक लाइव के जरिए सरपंच सुखविंदर सिंह के खिलाफ अपशब्द कहे और उन पर गंभीर आरोप लगाए। इस वीडियो के वायरल होते ही हलवारा गांव में हंगामा मच गया। जवाब में, सरपंच ने गुरुद्वारा साहिब के स्पीकर से इस मुद्दे को उठाया और गांववासियों को चौराहे पर इकट्ठा होने का आह्वान किया। इस दौरान लुधियाना-बठिंडा राजमार्ग पर तनावपूर्ण माहौल बन गया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए थाना सुधार के प्रभारी जसविंदर सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं, रायकोट से आम आदमी पार्टी के विधायक हाकम सिंह ठेकेदार ने अपने निजी सचिव कमल सुखाणा को समझौता करवाने के लिए भेजा। सरपंच सुखविंदर सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि यदि गांव को नशा मुक्त करना और नशा तस्करों पर कार्रवाई करवाना गलत है, तो वे अपने पद और पार्टी दोनों को छोड़ने के लिए तैयार हैं।
हालात को बिगड़ता देख पुलिस और पार्टी नेताओं ने मेवा सिंह को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए राजी कर लिया। शाम होते-होते मेवा सिंह ने जनता के सामने अपने बयान के लिए खेद व्यक्त किया, जिससे मामला शांत हुआ और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
गौरतलब है कि हाल ही में हलवारा में पुलिस ने कई युवाओं को नशे की खेप के साथ गिरफ्तार किया था। इसके चलते एक आरोपी के भाई ने सरपंच को जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट और धमकी देने के आरोप में दो अलग-अलग मामले दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।