आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश बजट में सरकार ने इनकम टैक्स में एक लाख करोड़ की जो राहत दी है, उससे गैर खाद्य पदार्थ श्रेणी में वाहन तो खाद्य पदार्थों की श्रेणी में प्रोसेस्ड फूड व बेवरेज सेक्टर को बड़ा प्रोत्साहन मिलने जा रहा है। एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस एक लाख करोड़ की जो बचत होगी और उसमें अगर 0.7 मार्जिनल प्रोपेन्सिटी खपत मान लेते हैं तो आने वाले वर्षों में अर्थव्यवस्था में 3.3 लाख करोड़ रुपए की खपत होने का अनुमान है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बड़ा बूस्ट मिल सकता है।
जीएसटी कलेक्शन में होगा 40 हजार करोड़ का इजाफा
इस अतिरिक्त खपत से जीएसटी संग्रह में 40,000 करोड़ का इजाफा हो सकता है जिससे राज्यों को 28,000 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। एसबीआई का मानना है कि एफएमसीजी, हेल्थकेयर, मनोरंजन, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट जैसे तमाम सेक्टर को खपत में होने वाली इस बढ़ोतरी का लाभ मिलने जा रहा है।
..इस तरह जीडीपी को 0.6 प्रतिशत बढ़ने में मिलेगी मदद
इससे इन सेक्टर की सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में एक प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है जिससे जीडीपी को 0.6 प्रतिशत तक बढ़ाने में मदद मिलेगी। खाने-पीने पर होने वाली खपत में बढ़ोतरी से खाद्य पदार्थों से जुड़े सेक्टर को भी लाभ मिलेगा।
इनकम टैक्स में राहत से होगी एक लाख करोड़ के टैक्स की बचत
रिपोर्ट के मुताबिक 3.3 लाख करोड़ में से 199056 करोड़ रुपए गैर खाद्य पदार्थों पर तो 130944 करोड़ खाद्य पदार्थों पर खर्च होंगे। खाद्य पदार्थों में सबसे अधिक 37257 करोड़ प्रोसेस्ड फूड व बेवरेज सेक्टर पर खर्च होने का अनुमान है। इनकम टैक्स में राहत से एक लाख करोड़ रुपए के टैक्स की बचत होगी और 8-12 लाख सालाना कमाने वाले वर्ग सबके अधिक लाभान्वित होंगे क्योंकि टैक्स देने वालों की संख्या में सबसे अधिक इस वर्ग के लोग है।
गैर खाद्य पदार्थ में किन सेक्टर पर कितने होंगे खर्च (करोड़ में)
वाहन -27918
ड्यूरेबल गुड्स -22671
कपड़े -15840
फुटवियर -2838
मेडिकल-12837
पान-गुटका -7821
फ्यूल व लाइट -18447
टायलट व अन्य घरेलू सामान -16995
शिक्षा -19701
उपभोक्ता वस्तु -18876
मनोरंजन -5841
किराया -21714