शादी का पंजीकरण अब निकाय और ग्राम पंचायतों में होगा, लिव इन में रहना है तो भरना होगा 16 पेज का फार्म

प्रदेश में लागू हुई समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत विवाह और लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण का जिम्मा निकायों और ग्राम पंचायतों के सुपुर्द कर दिया गया है। पहले इसकी व्यवस्था निबंधन कार्यालय में की गई थी।

बता दें कि राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता मिल गई है। हालांकि इसके लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। यही नहीं 26 मई 2010 के बाद विवाह करने वालों को भी अब अनिवार्य रूप से शादी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हल्द्वानी निबंधक कार्यालय के रजिस्ट्रार महेश द्विवेदी ने बताया कि नगर क्षेत्र में संबंधित नगर निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास अधिकारी करेंगे।

नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त ईश्वर सिंह रावत ने बताया कि यूसीसी के कार्यों के संपादन के लिए निगम में पांच टैक्स इंस्पेक्टरों को सब रजिस्ट्रार का कार्य सौंपा गया है। सब रजिस्ट्रार स्तर से ही यूसीसी के तहत कार्य होंगे।

लिव इन में रहना है तो भरना होगा 16 पेज का फार्म
यूसीसी अधिनियम के तहत जो भी जोड़े लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराएंगे, उन्हें 16 पेज का फार्म भरना होगा। इसके अलावा उन्हें पंजीकरण शुल्क भी जमा करना होगा। यही नहीं जोड़े को यह भी बताना होगा कि यदि भविष्य में वह विवाह करना चाहें तो वह विवाह के योग्य हैं या नहीं। जोड़े को पिछले लिव इन संबंधों का भी विवरण देना होगा।

ये हैं शुल्क की दरें

विवाह रजिस्ट्रेशन                    250 रुपये
तलाक                                   250 रुपये
लिव इन रिलेशनशिप                500 रुपये
विवाह का तत्काल रजिस्ट्रेशन     2500 रुपये
सार्टिफिकेट निकलवाना           100 रुपये
रेस्टिरक्टेड सार्टिफिकेट              500 रुपये
अपनी पिछली जानकारी प्राप्त करना 150 रुपये

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