महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के मुखिया शरद पवार के बीच एक बार फिर दूरियां बढ़ती दिख रही हैं। कई मौकों पर साथ दिखने वाले दोनों नेताओं इस बार एक बैठक में दूर-दूर बैठते दिखे।
दरअसल, एनसीपी के विभाजन के बाद पहली बार वसंतदादा चीनी संस्थान (वीएसआई) की वार्षिक आम सभा की बैठक में दोनों नेताओं ने भाग लिया और वो थोड़ी दूरी पर बैठे।
अजीत पवार ने चाचा से नेमप्लेट दूर कर दी
अजीत पवार पुणे स्थित वीएसआई के सदस्य हैं, जो चीनी उद्योग का एक प्रमुख शोध संस्थान है। कार्यक्रम की शुरुआती व्यवस्था के अनुसार दोनों को एक-दूसरे के बगल में बैठना था। लेकिन उपमुख्यमंत्री ने अपनी नेमप्लेट एक कुर्सी दूर कर दी, जिससे राज्य के सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल उनके बीच बैठ गए।
नेमप्लेट पर क्या बोले अजीत?
जब इस सीट को पुनर्व्यवस्थित करने के बारे में पूछा गया तो उपमुख्यमंत्री ने बताया,
बाबासाहेब पवार साहब से बात करना चाहते थे। मैं शरद पवार जी से कभी भी बात कर सकता हूं। भले ही मैं एक कुर्सी दूर बैठूं, मेरी आवाज इतनी तेज होगी कि दूर बैठा कोई भी सुन सकता है।
बाद में की गुप्त बैठक
इसके बाद एनसीपी प्रमुख ने शरद पवार और एनसीपी विधायक दिलीप वलसे पाटिल सहित अन्य नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की। पिछले दो वर्षों में वीएसआई की वार्षिक आम सभा की बैठकों से उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर, अजीत पवार ने इसे अपनी कार्य प्रतिबद्धताओं के कारण बताया।
अजीत ने बताया कि बंद कमरे में हुई बैठक चीनी उद्योग के मुद्दों पर केंद्रित थी और इसमें कृषि, आबकारी, सहकारिता और ऊर्जा विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जो सभी चीनी क्षेत्र से निकटता से जुड़े हुए हैं। उधर, एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने कहा कि दोनों कप्तानों का एक साथ चर्चा के लिए आना स्वागत योग्य है।