केरल विधानसभा में मंगलवार को रखी गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट से पता चला है कि कोविड के समय में मुख्यमंत्री पी विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार ने पीपीई किट अत्यधिक कीमतों पर खरीदी थी।
550 की पीपीई किट 1550 रुपए में खरीदी
रिपोर्ट में बताया गया कि जो पीपीई किट 550 रुपए में मिलती थी, उसे खरीदा ही नहीं गया। सरकार ने 1550 रुपए में पीपीई किट खरीदा, जिससे 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। मार्च 2020 में देश में पहला कोविड-19 पॉजिटिव मामला केरल में सामने आया था।
केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि मुख्यमंत्री पी विजयन और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा इस बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मुख्य दोषी हैं, जबकि माकपा ने इसे केंद्र द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र के अलावा कुछ नहीं बताया है।
कैग ने इस बड़े घोटाले का समर्थन किया
सतीशन ने कहा कि हमने पहले भी इस मुद्दे को उठाया था और अब कैग ने इस बड़े घोटाले का समर्थन किया है। हम इसे उसी तरह उठाएंगे जैसे हमने पहले उठाया था। वर्तमान में इस संबंध में एक मामला चल रहा है। शैलजा ने विजयन से हरी झंडी मिलने के बाद पीपीई किट के ऑर्डर को मंजूरी दी थी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal