जिस अदालत में महात्‍मा गांधी को सुनाई गई थी सजा, वहां पर बाबा रामदेव की पतंजलि का कब्‍जा

करीब एक महीने पहले तक गुजरात के शाहीबाग में स्थित महात्मा गांधी स्मृति खंड (स्मारक) में जाना हर किसी के लिए एक सुखद एहसास जैसा होगा। लेकिन अब महात्मा गांधी स्मृति की जगह आपको पतंजलि घी, कालीन, बैनर और पर्चे रखे मिलेंगे। 95 साल पहले स्मृति खंड की पहचान एक अदालत के रूप में थी जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को राष्ट्रद्रोह के आरोप में 6 साल की सजा सुनाई गई थी, अब बाबा रामदेव की कंपनी आयुर्वेद लिमिटेड में बदल गई है।

जिस अदालत में महात्‍मा गांधी को सुनाई गई थी सजा, वहां पर बाबा रामदेव की पतंजलि का कब्‍जा

यहां 25 मई से पुराने शहर के सर्किट हाउस में 12 कमरों को पतंजलि को दे दिया गया है। हालांकि स्मृति खंड का ये हिस्सा अब सिर्फ एक कमरे के रूप में बदल चुका है। यहां अब पतंजलि के कर्मचारी योग दिवस की तैयारी कर रहे हैं। अहमदाबाद सर्किट हाउस के इनचार्ज और शाहीबाग के सब-डिविजन डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर चिराग पटेल से जब पूछा गया कि पतंजलि को स्मृति खंड को इस्मेमाल करने की अनुमति कैसे मिली। तब उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं पता कि पतंजलि को इसके इस्तेमाल की अनुमति कैसे मिली।’

वहीं डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने भी ऐसी किसी जानकारी से इंकार किया है। बता दें स्मृति खंड में फाइलें और महात्मा गांधी से जुड़े दस्तावेजों को रखा गया है। जानकारी के लिए बता दें ब्रिटिश शासन में सर्किट हाउस का इस्तेमाल कोर्ट रूम के रूप में किया जाता था। 18 मार्च, 1922 को इसी कोर्ट से महात्मा गांधी को राजद्रोह के आरोप में 6 साल की सजा सुनाई गई थी।

हालांकि भारत की आजादी के बाद इसे गांधी स्मृति खंड बनाया गया। यहां महात्मा गांधी की तस्वीरों, पेंटिंग, फाइलें और गांधी से जुड़े पेपर्स को रखा गया है। वहीं शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पतंजलि ने मामले में किसी भी तरह की लापरवाही होने से इंकार किया। साथ ही कहा स्मृति खंड में कुछ भी नहीं रखा गया है। कोई भी जाकर इसकी जांच कर सकता है।

 

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