आप ने चुनाव में उतार दी पूरी सेना, निशाना पूर्वांचली वोटरों पर

आम आदमी पार्टी (आप) ने सभी 70 सियासी सूरमाओं को दिल्ली के सत्ता संग्राम में उतार दिया है। बड़ी तैयारी पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले मतदाताओं के सहारे जंग जीतने की है। जाट समुदाय के मतदाताओं को भी इसमें मददगार बनाया है। आप की सियासी सेना के 19 सेनानी इन्हीं दो तबकों से हैं। 10 महिला सेनानी आधी आबादी को साधने के लिए उतारी गई हैं। पार्टी ने पांच मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिम प्रत्याशी ही उतारे हैं। असल में दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचली मतदाता हैं। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 40 फीसदी वोट शेयर इसी समूह का है।

2013 में अपना सियासी सफर शुरू करने के साथ ही आप ने इनको तवज्जो दी थी। 2013, 2015 व 2020 के चुनावों में आप के दस से ज्यादा उम्मीदवार पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले थे। इस बार भी पार्टी ने दांव मतदाताओं के इसी तबके पर लगाया है। 70 में से 12 प्रत्याशी पूर्वांचल से संबंध रखते हैं। वहीं, स्थानीय निवासियों व दिल्ली देहात की सीटों पर असरदार जाट समुदाय को भी आप ने अपनी लिस्ट में तवज्जो दी है। सात उम्मीदवार जाट समुदाय से हैं। दूसरी तरफ आधी आबादी को साधने के लिए आप ने इस बार करीब 15 फीसदी महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इनकी संख्या दस है। इसमें से सात उम्मीदवारों का नाम चौथी लिस्ट में शामिल है। दूसरी तरफ दिल्ली की मुस्लिम बहुल पांच सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं।

दो महीने प्रचार का मिलेगा समय : विधान सभा चुनावों के एलान से पहले पार्टी ने अपने सभी सियासी मोहरों को मैदान में उतार दिया है। आप रणनीतिकारों का कहना है कि अगर तयशुदा समय फरवरी में चुनाव होते हैं तो आप उम्मीदवारों को अपने प्रचार अभियान को धार देने में करीब दो महीने का वक्त मिल जाएगा। इस लिहाज से पार्टी विपक्षी भाजपा व कांग्रेस से अभी तक आगे रही है।

सत्ता विरोधी लहर की काट में 20 विधायकों के कटे टिकट
दो बार पांच साल और एक बार 49 दिन के लिए सत्ता पर काबिज आप सत्ता विरोधी लहर को बेअसर करने के लिए बड़े बदलाव भी किए हैं।चौथी बार दिल्ली के सत्ता संग्राम में ताल ठोंक रही पार्टी के रणनीतिकारों ने अपने 20 विधायकों का टिकट काट दिया है। वहीं, दो की सीट बदली गई है। इसके अलावा चार ने पार्टी बदल ली है। बाकी सीटों पर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया है। पहली लिस्ट आने के साथ ही आप ने स्पष्ट कर दिया था कि उन्हीं सीटों से टिकट काटे गए हैं, जहां के विधायकों को फीडबैक खराब था। ग्राउंड लेवल के सघन सर्वे के आधार पर इसकी पहचान की गई।

इन सीटों से कटे टिकट
कस्तूरबा नगर, उत्तम नगर, नरेला, तिमारपुर, आदर्श नगर, मुंडका, चांदनी चौक, मादीपुर, जनकपुरी, बिजवासन, पालम, जंगपुरा, देवली, त्रिलोकपुरी, कृष्णा नगर, शाहदरा, मुस्तफाबाद, किराड़ी, सीलमपुर, मटियाला।

केजरीवाल ही उम्मीद और भरोसा
आप ने चुनाव में पूरी ताकत से कदम रख दिया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम जनता के बीच जा रहे हैं। हम अगला पांच साल शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, और पानी पर हुए अच्छे कामों को और आगे बढ़ाने के लिए मांग रहे हैं। भाजपा अभी भी भ्रमित है। न उनके पास कोई मुद्दा है, न कोई नेता, और न ही दिल्लीवालों के लिए कोई उम्मीद। केजरीवाल ही उम्मीद हैं, और केजरीवाल ही भरोसा हैं।
-मनीष सिसोदिया, पूर्व उपमुख्यमंत्री

दोबारा भरोसा जताने के लिए धन्यवाद
कालकाजी से दोबारा टिकट देने के लिए आप और केजरीवाल का धन्यवाद। यह मेरे लिए गर्व की बात है और मैं यह जिम्मेदारी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाऊंगी।
-आतिशी, मुख्यमंत्री, दिल्ली

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