देश तेजी से डिजिटल होता जा रहा है। साथ ही तेजी से साइबर अपराध की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। इस साल अब तक 12 लाख शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इसमें डिजिटल अरेस्ट के ही अकेले 63 हजार से भी ज्यादा मामले हैं। इन घटनाओं में लोगों ने 1,616 करोड़ से भी ज्यादा रुपये लोगों ने गंवाए हैं। ठगों की नजर लोगों की हर एक्टिविटी पर होती है। ऐसे में हम यहां आपको साइबर फ्रॉड के ट्रेंड और इससे बचने के तरीके बताने जा रहे हैं।
डिजिटल अरेस्ट
साइबर फ्रॉड के इस तरीके में लोगों को अक्सर पुलिस या सरकारी अधिकारी बन कर कॉल किया जाता है। ये कॉल उन्हें अक्सर किसी पार्सल को लेकर या मोबाइल नंबर को लेकर किया जाता है। कहा जाता है कि उनके द्वारा भेजे गए पार्सल में कुछ संदिग्ध चीजें मिली हैं। या ये कहा जाता है कि उनके मोबाइल नंबर से कुछ गलत काम किया गया है। फिर उन्हें वीडियो कॉल कर डिजिटल तरीके से पुलिस का खौफ दिखाकर अरेस्ट किया जाता है। यहां खास बात ये है कि सारे लोग वर्दी में होते हैं या सचमुच अधिकारियों की तरह बात करते हैं। इससे बचने के लिए ध्यान रखें कि कोई भी अधिकारी आपको ऑनलाइन तरीके से गिरफ्तार नहीं करता। ऐसे में किसी के बहकावे में न आएं और पुलिस से संपर्क करें।
क्रेडिट कार्ड स्कैम
ये बैंक फ्रॉड का एक तरीका है। इसमें ठग लोगों को बैंक कर्मचारी बनकर कॉल करते हैं। फिर कहते हैं कि आपके कार्ड्स से रिवॉर्ड पॉइंट एक्सपायर हो रहे हैं। ऐसे में लोगों से उनके कार्ड की डिटेल मांगी जाती है और फिर OTP भी मांगा जाता है। OTP मिलते ही ठग अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं। इससे बचने के लिए ध्यान रखें कि कोी भी ID, पासवर्ड या OTP किसी को न दें।
बिजली बिल फ्रॉड
इस फ्रॉड के तरीके में ठग लोगों को मैसेज या फोन के जरिए ये कहते हैं कि उनका बिजली का बिल बचा हुआ है। जल्दी से बताए गए नंबर्स पर कॉन्टैक्ट करें और बिल भरें। नहीं तो बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा। इससे बचने के लिए ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी ऑफिस इस तरह से पैसे नहीं मांगता है।
फिशिंग/ई-मेल हैक
ठग साइबर फ्रॉड के इस तरीके में एक ही लिंक को हजारों ई-मेल आईडी पर भेजते हैं। इस पर क्लिक करते ही यूजर का मोबाइल या कंम्प्यूटर हैक हो सकता है। इससे यूजर्स की सारी जानकारी ठगों के पास चली जाती है। इससे बचने के लिए ध्यान रखें कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
प्रोडक्ट स्कैम
ठगी के इस तरीके में लोगों को ठग सोशल मीडिया और फर्जी वेबसाइट्स के जरिए मंहगे प्रोडक्ट्स को सस्ते में देने का वादा करते हैं। इसमें आधी कीमत पर iPhone जैसी चीजें होती हैं। लेकिन, ठग ये असल में नहीं देते बल्कि पेमेंट करवाकर किसी नकली प्रोडक्ट को भेज देते हैं। इससे बचने के लिए ध्यान रखें कि ऑफर्स की जांच करें और चीजों को ऑफिशियल वेबसाइट से ही खरीदें।