इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद अब बांग्लादेश में इस्कॉन के शिबचर स्थित केंद्र को मुस्लिमों ने जबरन बंद करा दिया है। यही नहीं इस्कॉन के श्रद्धालुओं को सेना के जवान अपने वाहन में भरकर ले गए।ढाका में सुप्रीम कोर्ट के वकील और अब बांग्लादेश के अटार्नी जनरल मुहम्मद असदुज्जमां ने बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस्कॉन को धार्मिक कट्टरपंथी संगठन करार दिया।
इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद अब बांग्लादेश में इस्कॉन के शिबचर स्थित केंद्र को मुस्लिमों ने जबरन बंद करा दिया है। यही नहीं इस्कॉन के श्रद्धालुओं को सेना के जवान अपने वाहन में भरकर ले गए।
इस्कॉन-कोलकाता के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पर लिखा, ‘बांग्लादेश में शिबचर स्थित इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को मुस्लिमों ने जबरन बंद कर दिया है। सेना आई और इस्कॉन श्रद्धालुओं को एक वाहन में भरकर ले गई।’
शिबचर में इस्कॉन केंद्र को बंद करने की मांग कर रहे
इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी संलग्न किया जिसमें स्थानीय इस्लामी समूह के नेता शिबचर में इस्कॉन केंद्र को बंद करने की मांग कर रहे हैं। दास ने दावा किया कि वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि कुछ लोग इस अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था के संस्थापक की तस्वीर वाले इस्कॉन मंदिर के बोर्ड को हटाने में लगे हुए हैं।
इस बीच, ढाका में सुप्रीम कोर्ट के वकील और अब बांग्लादेश के अटार्नी जनरल मुहम्मद असदुज्जमां ने बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस्कॉन को धार्मिक कट्टरपंथी संगठन करार दिया।
जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष राय चौधरी की पीठ ने जब इस्कॉन और बांग्लादेश में उसकी गतिविधियों का ब्योरा मांगा तो असदुज्जमां ने कहा कि सरकार पहले से ही उनकी जांच कर रही है। मोनिरुद्दीन नामक वकील ने अदालत से बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने और हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी व जेल भेजने के बाद देशभर में हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद चिट्टागोंग में धारा-144 लगाने की मांग की।
चिन्मय बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता
चिन्मय बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता व इस्कॉन से जुड़े पुंडरीक धाम के प्रमुख हैं। असदुज्जमां ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा की मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए मंगलवार को 32 वर्षीय अधिवक्ता सैफुल इस्लाम की चिट्टागोंग की अदालत में हुई हत्या का भी उल्लेख किया। हाई कोर्ट ने असदुज्जमां से गुरुवार को मामले में और जानकारी देने को कहा जिसमें इस्कॉन के पंजीकरण एवं उससे जुड़े लोगों का ब्योरा शामिल है।
सरकार विचार करेगी और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी
साथ ही यह भी बताना है कि सरकार ने उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की है या नहीं। असदुज्जमां ने बाद में मीडिया को बताया कि सरकार घटना को गंभीरता से ले रही है और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, ‘यह संगठन पंजीकृत है या नहीं, इस संगठन को प्रतिबंधित किया जाएगा या नहीं, क्या कदम उठाए जाएंगे.. ये सब सरकार के नीतिगत फैसले हैं। सरकार विचार करेगी और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।’
‘इस्कॉन एक शांतिपूर्ण संगठन’
बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रांड अलायंस के महासचिव मृत्युंजय कुमार राय ने देश में इस्कॉन पर प्रतिबंध की मांग की तीखी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह ¨हदू संगठन प्रकृति से शांतिपूर्ण है, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीकृष्ण की बात करता है और गरीबों के कल्याण के लिए काम करता है।
इससे पूर्व इस्कॉन ने सरकार से सनातनी समुदाय के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने का आग्रह किया तीन मांगें रखीं। इनमें सनातनी समुदाय पर हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करना और उन्हें जवाबदेह ठहराना, चिन्मय कृष्ण दास व अन्य सनातनियों के नागरिक अधिकारों की रक्षा करना और देश में सभी समुदायों के बीच शांति व सद्भाव बनाए रखने के लिए तत्काल व प्रभावी उपाय करना शामिल हैं।
गायिका मैरी मिलबेन ने बांग्लादेश में हिंदुओं को लेकर चिंता व्यक्त की
अमेरिकी गायिका मैरी मिलबेन ने बुधवार को बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की और दुनिया से बांग्लादेश में “चरमपंथियों” द्वारा हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर संबोधित करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता और वैश्विक स्तर पर आस्था रखने वाले सभी लोगों की सुरक्षा को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
मिल्बेन ने एक एक्स पर पोस्ट में कहा कि चिन्मय कृष्ण दास की कैद और बांग्लादेश में चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हमलों को अब विश्व नेताओं द्वारा संबोधित किया जाना चाहिए। हमें धार्मिक स्वतंत्रता और विश्व स्तर पर सभी आस्थावान लोगों की सुरक्षा बनाए रखनी चाहिए।