श्री काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर ही विशालाक्षी कॉरिडोर का निर्माण होगा। कॉरिडोर के मार्ग में पड़ने वाले 18 मंदिरों को संरक्षित किया जाएगा। हालांकि अभी धाम से विशालाक्षी मंदिर तक जाने वाले रास्ते पर मंथन चल रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्ययोजना तय की जाएगी।
बाबा विश्वनाथ के धाम से माता विशालाक्षी मंदिर को जोड़ने की योजना जल्द ही मूर्त रूप लेगी। इसके लिए दो दौर की बैठकें हो चुकी हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी माता विशालाक्षी के दर्शन किए थे। सर्वे टीम भी गठित कर दी गई है जो इस मार्ग में पड़ने वाले मकानों का सर्वे करेगी।
धाम से माता के मंदिर तक पड़ने वाले रास्ते में 18 से अधिक पौराणिक मंदिर पड़ रहे हैं। काशी विश्वनाथ धाम से विशालाक्षी मंदिर, धर्मकूप, भगवान ज्ञानेश्वर, विष्णु मूर्ति और तीर्थ कूप, बाबा विश्वनाथ के पांच मुख में से एक वैराग्येश्वर, माता विशालाक्षी शक्तिपीठ, विशालाक्षेश्वर समेत अन्य छोटे देव विग्रह हैं। 
छोटे-छोटे कई विग्रह हैं मौजूद
विशालतीर्थ, विश्वभुजा गौरी व विश्वतीर्थ, भगवान दिवोदासेश्वर, भगवान आशा विनायक, रघुनाथेश्वर, भगवान गणेश्वर, कांचन शाख महावट वृक्ष, धर्मकूप तीर्थ, भगवान धर्मेश्वर, भगवान मदालसेश्वर, एकादश रुद्र, भगवान मोक्षेश्वर व मुक्तितीर्थ, मोक्ष लक्ष्मी समेत कई छोटे-छोटे विग्रह मौजूद हैं।
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