राधा कुंड स्नान के मौके पर इस नियम से करें श्रीजी की पूजा

राधा कुंड स्नान बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग यमुआ नदी में स्नान करते हैं। यह दिन पूर्ण रूप से श्रीजी को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लोग इस शुभ अवसर (Radha Kund Snan 2024) पर लोग उपवास रखते हैं और पूजा-पाठ दान-पुण्य करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भाव के साथ राधा रानी की आराधना करने से मनचाही इच्छा पूर्ण होती है।

राधा कुंड स्नान का हिंदुओं के बीच अत्यधिक धार्मिक महत्व है। यह दिन यमुना में पवित्र स्नान करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। भक्त इस दिन को अत्यधिक भक्ति और समर्पण के साथ मनाते हैं। यह पर्व मुख्य रूप से मथुरा में बड़ी धूमधूाम के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर लोग राधा कुंड में पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में मथुरा जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल राधा कुंड स्नान 24 अक्टूबर, 2024 को किया जाएगा, तो आइए इस दिन देवी राधा की पूजा किस विधि से करनी है? आइए उसके बारे में जानते हैं।

राधा कुंड स्नान तिथि और मुहूर्त (Radha Kund Snan muhurat)
वैदिक पंचांग के आधार पर कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 25 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए राधा कुंड स्नान दिन गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 यानी आज किया जाएगा। इस दिन अर्ध रात्रि स्नान मुहूर्त 11 बजकर 38 मिनट से 25 अक्टूबर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।

राधा रानी की पूजा विधि (Radha Kund Snan 2024 Puja Vidhi)
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा घर की सफाई करें। सूर्य देव को जल चढ़ाएं। एक वेदी पर राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को विराजमान करें। फिर उन्हें स्नान करवाएं। वस्त्र अर्पित करें। कुमकुम और गोपी चंदन का तिलक लगाएं। पीले फूलों की माला चढ़ाएं। माखन-मिश्री, फल, फूल और मिठाई आदि का भोग लगाएं। देसी घी जलाकर आरती करें और जीवन में सुख-सौभाग्य की कामना करें। देवी के वैदिक मंत्रो का जप करें। शाम को भी विधिपूर्वक पूजा कर आरती करें। अंत में पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे और क्षमता अनुसार दान करें।

राधा कुंड स्नान नियम (Radha Kund Snan Niyam)
सबसे पहले भक्त पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए राधा कुंड पर जाएं और स्नान करें। फिर भक्त देवी राधा और भगवान कृष्ण का ध्यान करें। इसके बाद कुंड में खड़े होकर पुष्प, फल और धूप दीप दिखाएं। वहीं, इस दिन जिन महिलाओं को संतान होने में मुश्किलें आ रही हैं, उन्हें यह स्नान जरूर करना चाहिए।

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