किसी भी स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए सही मार्गदर्शक (गुरु) होना जरूरी है। सही मार्गदर्शक मिल जाए तो कोई भी बिजनेस नई बुलंदियों को छू सकता है। मेंटर ऐसा हो जो कि आप को सही से गाइड करे। स्टार्टअप शुरू करने पर कई चुनौतियां आती हैं, उन्हें समझ कर हल करना भी आना चाहिए। डीयू के हंसराज कॉलेज में छात्रों को नामी विशेषज्ञों से स्टार्टअप के लिए ऐसे ही मंत्र मिले। इन गुरों से उन्हें स्टार्टअप को शुरू करने और बेहतर उद्यमी बनने की सीख भी मिली।
इस समिट में वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त संस्थान इंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के चेयरमैन राजीव चावला ने छात्रों को सफल उद्यमी बनने के गुर बताए।
उन्होंने कहा कि युवा बहुत से आइडिया के साथ अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। नई पीढ़ी नए आइडिया व तकनीक के साथ आगे आए लेकिन उनको शुरू करने के बाद आने वाली चुनौतियां का भी उन्हें पता होना चाहिए। प्रौद्योगिकी कभी भी उद्यमियों की जगह नहीं लेगी, उद्यमी प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में 7.3 करोड़ पंजीकृत एमएसएमई हैं।
स्टार्टअप 20, जी-20 के को-चेयर विनायक नाथ ने छात्रों को उद्यमिता के विषय में बताते हुए कहा कि सही मेंटर का चुनाव जरूरी है, सही गुरु मिल जाए तो बिजनेस अच्छा हो सकता है। उन्होंने स्टार्टअप के लिए प्रोडक्ट मैनेजमेंट की जरूरत पर भी बल दिया। समिट के बाद पैन इंडिया स्तर पर 15 स्टार्टअप को छात्रों ने प्रदर्शित किया जहां उन्हें एक-एक स्टार्टअप के लिए मार्गदर्शन मिला। यह एक एंटरप्रेन्योर राउंड टेबल कार्यक्रम था। जिसमें छात्रों को शीर्ष सलाहकारों से उनके अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को विकसित करना था।