उत्तराखंड: महंगाई आसमान छू रही है। दाल रोटी खाना भी लोगों ने के लिए आसान नहीं रहा। सब्जियों के बढ़े हुए दाम पहले से ही परेशान कर रहे हैं।
अब दाल रोटी खाना भी सस्ता नहीं रह गया है। जहां एक ओर आटा और दालों के दामों में उछाल आया है। वहीं खाद्य तेलों की कीमतों में 30 से 40 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोत्तरी होने से रसोई घर का खर्च बढ़ गया है। इसके साथ ही सर्दियों के सीजन की सब्जियों की आवक शुरू नहीं होने से सब्जी मंडी में भी कीमतें आसमान छू रही हैं।
रसोई के बजट पर चौतरफा मार पड़ रही है। अब दोगुने खर्च में भी रसोई का बजट हाथ नहीं आ रहा है। ऐसा इसलिए है कि दाल और आटे से लेकर सभी तरह के तेलो में 30 प्रतिशत तक भी वृद्धि हो चुकी है। बाजार में 15 दिन पहले तक सरसों का तेल 130 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था। वह अब 157 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
चना दाल भी सौ के पार
इसी तरह रिफाइंड के दाम में भी 30 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। पहले 105 रुपये प्रति लीटर में मिल रहे रिफाइंड के दाम अब 132 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। वनस्पति घी की बात करें तो तो इसके दाम भी 110 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 140 रुपये हो गए हैं। अब दालों की बात करें तो सबसे अधिक अरहर की दाल का इस्तेमाल होता है।
यह दाल भी पहले तक 180 रुपये प्रति किलो में बिक रही थी। जिसके दाम अब 200 रुपये तक पहुंच गए हैं। चना दाल भी सौ के पार पहुंच गई है। पहले 95 रुपये तक में मिल रही थी, अब इसके दाम 115 रुपये तक हो गए हैं। हालांकि मलका, मूंग और उड़द की दाल अभी स्थिर बने हुए हैं। आटे के दाम में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इसके साथ ही दस किलो आटा पहले 380 रुपये तक में मिल रहा था। जो अब बढ़कर 400 रुपये के पार हो गया है।
शतक लगा रही सब्जियां, लोग परेशान
मंडी में जहां लहसुन के दाम 300 से 400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। वहीं प्याज भी 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इसके अलावा आलू के दाम 40 रुपये तो गोभी 100 रुपये और शिमला मिर्च 100 रुपये, तुरई 70 रुपये, लौकी 80 रुपये, टमाटर 60 रुपये, खीरा 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
कस्टम ड्यूटी में बढ़ोत्तरी का तेलों के दामों पर पड़ा असर
आढ़त बाजार देहरादून के थोक व्यापारी विनोद कुमार गोयल ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से करीब 15 दिन पहले क्रूड ऑयल पर कस्टम ड्यूटी को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि रिफाइंड ऑयल पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 35.7 प्रतिशत कर दी गई है। जिससे खाद्य तेलों के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है।