अग्निवीर योजना में कुछ संशोधन की आवश्यकता है और इस पर काम भी चल रहा है। पहला बैच निकल चुका है और दूसरा बैच अभी आया है। जो युवा इसमें आए हैं, उनकी ट्रेनिंग अच्छी रही और जिस भी यूनिट में यह बच्चे गए हैं उसमें वे खुश हैं। यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने पठानकोट में एक कार्यक्रम के बाद एक प्रेसवार्ता में कही।
राहुल गांधी के अग्निवीर योजना पर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को सेना के नियमों के बारे में जानकारी नहीं है। उन्हें इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। अग्निवीर के तहत किसी का भविष्य बर्बाद नहीं हुआ है।
लोगों को नहीं पता शहीद का दर्जा किसे मिलता है
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेना की ड्यूटी दौरान या फिर अन्य समय गंवाने वाले जवान को शहीद का दर्जा देना सेना के नियमों में नहीं है, क्योंकि शुरू से ही ऐसा कोई नियम नहीं बना कि किसी भी हालात में जान गंवाने वाले जवान को शहीद का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि शहीद का दर्जा किसे दिया जाता है।
सेना के कानून को नहीं बदला जा सकता
उन्होंने कहा कि सेना में एक ही कानून है और उस कानून को बदला नहीं जा सकता। जो भी जवान जंग में लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त होता है, उसका सेना के नियमों के अनुसार सम्मान होता है और जो ड्यूटी में सुसाइड कर लेता है, उसका सम्मान नहीं है। इसलिए हम सेना के अंदर शहीद शब्द का इस्तेमाल नहीं करते। उसकी जगह यह लिखा जाता है कि युद्ध लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ। शहीद शब्द उन लोगों के लिए था, जो किसी धर्म, किसी मत और या किसी अन्य चीज के लिए अपनी जान दे दे।
आतंकवाद एक दिन में खत्म नहीं होगा, समय लगेगा
जेएंडके में हो रहे आतंकी हमलों के बारे में वीके सिंह ने कहा कि आतंकवाद एक दिन में खत्म नहीं होगा, क्योंकि इसको समय लगेगा। आतंकवाद को खत्म करने के लिए सेना, पुलिस ही नहीं बल्कि हर नागरिक को सहयोग देना होगा। पठानकोट के बाॅर्डर क्षेत्र में वहां तारबंदी नहीं है, जहां नदियां हैं, बाकी सभी जगह फेंसिंग है। जहां फेंसिंग नहीं है, वहां चौकसी ज्यादा बढ़ा दी गई है। चीन की ओर से जमीन पर कब्जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारों ने रिपोर्ट दे दी थी कि किसी तरह का कब्जा नहीं हुआ है।