भारत में ऐसी जगह भी है, जहां चीनी और नमक के दाम आसमान छूते है. अरुणाचल प्रदेश की घाटी में जहां सेवानिवृत्त सैनिक और उनके परिवार रहते है. उन्हें वहां एक किलोग्राम चीनी के लिए 200 रुपये और नमक के लिए 150 रुपये तक का भुगतान करना पड़ता है. बता दें कि विजयनगर क्षेत्र की खोज असम राइफल्स अर्धसैनिक बलों द्वारा 1961 में श्रीजीत द्वितीय नाम की एक अभियान के दौरान की गई थी. मेजर जनरल एएस गुआरया, असम राइफल्स के आईजी ने इसमें बहुत मदद की थी.
यहां रहने वाले सभी लोग बहुत परेशान है. जब वो यहां रहने के लिए आए थे तो उन्हें अच्छे स्वास्थ्य और पैसे का वादा किया गया था. लेकिन यहां पर अन्हों दोनों ही नही मिला और वे सब परेशानियों में रह रहे हैं. परिवार में महिलाओं के पास सीमित संसाधनों साथ रहने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा है.
नमक और चीनी के अलावा अन्य और भी परेशानिया
बात केवल सिर्फ नमक और चीनी जैसे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों के बारे में नहीं है. उन्हें और भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जब उन्हें स्थानीय पीसीओ से कॉल करना होता है, तो यह 5 प्रति मिनट शुल्क लगता है. उनकी प्रतिदिन की आय 200 है और वे 150 प्रति किलोग्राम में वस्तुऐ खरीदनी पड़ती हैं. चिकित्सा सुविधाएं भी एक दम बेकार हैं. पास में कोई अस्पताल नहीं है और जो है वो 200 किमी दूर है. जहां पर केवल वायुमार्ग के माध्यम से पहुंच सकते हैं.
इंडिया टुडे की टीम से हुई बात चीत में वहां के लोकल लोगों ने कहा कि यहां परिवहन, चिकित्सा और भोजन की सुविधाएं हमारी प्रमुख समस्याएं हैं. नमक और अन्य सामान बहुत महंगा हैं. मरीजों को अस्पताल तक जाने के लिए इंतजार करना पड़ता है. पूरी सुविधा ना होनो की वजह से कभी-कभी उनकी मौत भी हो जाती है.
स्थानीय व्यक्ति ने खोला स्कूल
वहां के स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि यहां रह रहे लोगों के लिए शिक्षा एक बड़ी समस्या है. यहां कोई अच्छे स्कूल भी नहीं है.उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी और मैंने बच्चों को शिक्षित करके इस समस्या पर काबू पाने के प्रयास के रूप में एक स्कूल शुरू किया है. जो कि सिर्फ एक प्राथमिक विद्यालय है. जहां बच्चों को पढ़ाई के साथ सामाजिक सेवा के बारे में पढ़ाया जाता है.