पंजाब के इन जिले में लगी सख्त पाबंदियां

जिला मैजिस्ट्रेट डॉ. सेनु दुग्गल ने जिले में अलग-अलग पाबंदियों के आदेश जारी किए हैं। यह पाबंदियां 31 अक्टूबर 2024 तक लागू रहेंगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पाबंदियों के अनुसार फाजिल्का जिले में शाम को सूर्यास्त के बाद और सुबह सूर्योदय से पहले गोवंश के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। आदेशों में उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने गोवंश रखे हुए हैं और पशुपालन विभाग के पास रजिस्टर जरूर करवाएं। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशों के अनुसार किसी भी रेस्टोरेंट या हुक्का बार में ग्राहकों को हुक्का नहीं परोसा जाएगा। जिसे के सभी गांवों नगर परिषदों की हद में से आदेश लागू रहेंगे। उन्होंने कहा कि उल्लंघन करने वाले व्यक्ती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।              

पाबंदियों के अनुसार जिला फाजिल्का की सीमा के अंदर आम लोगों के मिलिट्री रंग की वर्दी और वाहनो की खरीद, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाई गई है। एक अन्य आदेश में जिला मजिस्ट्रेट ने फाजिल्का जिले की सीमा के भीतर कोबरा कंटीली तार की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं फाजिल्का जिले की सीमा के भीतर पतंग आदि के लिए चाइना डोर की बिक्री, भंडारण और प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ऊंची फसलें लगाने पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही कहा गया है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिला मजिस्ट्रेट ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और सीमा सुरक्षा तार के बीच और तार से भारत की ओर 70 से 100 मीटर जगह पर ऊंची फसलों जैसे कि बी.टी. नरमा, मक्की, ज्वार, गन्ना, सरसों, सूरजमुखी और ऐसी अन्य लंबी उगने वाली फसलों को बोने की मनाही के आदेश जारी किए हैं।     

बी.एस.एफ. अधिकारियों द्वारा ध्यान में लाया गया है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा एवं सीमा सुरक्षा तार के बीच कुछ किसान बी.टी. नरमा, मक्की, ज्वार, गन्ना, सरसों, सूरजमुखी और अन्य ऐसी 4-5 फीट से अधिक लंबी होने वाली फसलों लगाई जा रही है, इस कारण यह पाबंदी लगाई गई है। आदेशों में जिले की सरकारी इमारतों और पानी की टंकियों आदि की सुरक्षा के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को हिदायत की गई है कि वह अपने अधीन आते अधिकारी, कर्मचारी, चौकीदार की 24 घंटे ड्यूटी लगाएं ताकि किसी भी जत्थेबंदी द्वारा रोष प्रदर्शन की कार्रवाई को रोका जा सके। आदेशों में कहा गया है कि अक्सर देखा जाता है कि विभिन्न संगठन अपनी मांगों को मनवाने के लिए अलग-अलग सरकारी इमारतें, जिनमें पानी की टंकियां भी शामिल हैं पर चढ़ कर आत्मदाह करने की धमकी देते हैं। इन हालातों से निपटने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा है। इस लिए इन इमारतों/बिल्डिंगों/टंकियों पर चढ़ कर विभिन्न  जत्थेबंदियों द्वारा किए जाने वाले रोष प्रदर्शन को रोका जाना जरुरी है। इन आदेशों का उल्लंघन होने पर संबंधित विभाग के जिला प्रमुख की जिम्मेदारी तय की जाएगी।   

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