बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में जल्द ही कैंसर अस्पताल की सुविधा उपलब्ध होने वाली है। यह आश्वासन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को दिया है। बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर खाद्य मंत्री राजपूत ने सीएम यादव को बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कैंसर अस्पताल खोलने के संबंध में एक मांग पत्र सौंपा। इस मांग पत्र में बुंदेलखंड क्षेत्र के कैंसर पीड़ितों के लिए 40 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित प्राकलन कि मांग रखी गई है, जिसे मुख्यमंत्री ने जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
खाद्य मंत्री राजपूत ने मुख्यमंत्री को बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मरीजों के हित और जनहित में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कैंसर अस्पताल खोला जाना अत्यंत आवश्यक है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भरोसा दिया कि जल्द ही कैंसर अस्पताल प्रारंभ किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज में न्यूरोसर्जन का पद स्वीकृति होगा
खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पिछले 15 वर्षों से न्यूरोसर्जन का पद स्वीकृत नहीं हुआ है। इससे हेड एंजरी (मस्तिष्क की चोट) के मरीजों को इलाज के लिए सागर से बाहर जाना पड़ता है और कई बार इलाज के अभाव में मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भरोसा दिया कि जल्द ही मेडिकल कॉलेज सागर में न्यूरोसर्जन का पद स्वीकृत किया जाएगा।
कैंसर अस्पताल खुलने से समस्याओं का समाधान
मुख्यमंत्री यादव द्वारा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कैंसर अस्पताल खोलने के आश्वासन पर खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत ने उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसके इलाज के लिए मरीजों को अक्सर अन्य महानगरों का रुख करना पड़ता है और इसके साथ ही कई बार आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सागर जिले में कैंसर अस्पताल की सुविधा उपलब्ध होने से इन सभी समस्याओं का समाधान बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हो सकेगा।
सागर संभाग में छह जिले
बता दें कि बुंदेलखंड क्षेत्र के 6 जिले सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी को मिलाकर सागर संभाग की जनसंख्या करीब 79 लाख है। बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय में सागर जिले और आस-पास के जिलों के निवासी अपने इलाज के लिए चिकित्सालय में आते हैं। लेकिन, सागर चिकित्सा महाविद्यालय में कैंसर मरीज के उपचार की सुविधा नहीं है, ऐसेमें उनका उपचार नहीं हो पाता और उन्हें दूसरी जगह रेफर करना पड़ता है।