कतर संकट के लिए पीछे रूस के हाथ होने की बात सामने आ रही है. अमेरिकी जांचकर्ताओं का मानना है कि रूसी हैकरों ने फेक न्यूज चलाकर कतर के दूसरे देशों के साथ रिश्ते खराब कर दिए. अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने मामले की जांच में कतर सरकार की मदद के लिए एक टीम दोहा भेजी है.
कतर और अमेरिकी अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि हैकरों ने कतर की समाचार एजेंसी में घुसपैठ की और फिर फेक न्यूज चलाई, जिसके आधार पर खाड़ी देशों ने कतर से रिश्ता तोड़ लिया. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक इस हैकिंग में रूस का हाथ है. दरअसल, खाड़ी क्षेत्र में कतर अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना है, जिसके चलते रूस ने यह कदम उठाया है.
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले विदशी दौरे के समय सऊदी में ईरान की आलोचना कर चुके हैं. मालूम हो कि पांच जून को सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात समेत सात देशों ने कतर के साथ राजनयिक रिश्ते खत्म कर लिए हैं. इन देशों ने कतर के साथ राजनयिक रिश्तों के साथ जमीन, समुद्र और हवाई संपर्क भी खत्म कर दिए. आतंकी और चरमपंथी संगठनों को समर्थन का आरोप लगाते हुए कतर के खिलाफ ये एक्शन लिया गया.
बताया जा रहा है कि 23 मई को कतर न्यूज एजेंसी ने एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें कतर के अमीर के हवाले से कहा गया कि खाड़ी क्षेत्र में ईरान क्षेत्रीय और इस्लामिक शक्ति है. लिहाजा इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हालांकि कतर का कहना है कि यह खबर झूठी है और हैकिंग के जरिए प्लांट की गई है. कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल-थानी का कहना है कि अब FBI ने भी हैकिंग और फेक न्यूज की पुष्टि कर दी है.