अमृतसर: अकाली नेताओं के एक-दूसरे पर आरोप लगाने पर पाबंदी

श्री अकाल तख्त साहिब से 30 अगस्त को सुखबीर बादल को तनखाइया घोषित किया जा चुका है। इसके बाद से अकाली नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी था।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिअद के विभिन्न गुटों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ मीडिया में किए जा रहे दुष्प्रचार एवं बयानबाजी कर बयान देने का कड़ा नोटिस लिया है।

जत्थेदार ने अकाली नेताओं को एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि जब तक शिरोमणि अकाली दल का मामला श्री अकाल तख्त पर विचाराधीन है, तब तक एक-दूसरे के खिलाफ किसी तरह की टिप्पणी न की जाए। ऐसा करना श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का उल्लंघन माना जाएगा।

जत्थेदार ने सिख सियासत से जुड़े नेताओं को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि श्री अकाल तख्त की सर्वोच्चता, सम्मान, मर्यादा एवं सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी तुरंत बंद की जाए। अगर सिख नेताओं ने ऐसा करना बंद न किया तो इसे सिख सिद्धांतों, परंपरा, मर्यादा का उल्लंघन करार देते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एक जुलाई 2024 को अकाली दल बादल के बागी गुट के नेताओं द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को पूर्व अकाली सरकार के दौरान प्रधान एवं पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल की अगुवाई में हुई गलतियों व गुनाहों संबंधी दिए गए माफीनामा के बाद से ही शिअद के विभिन्न गुटों में सार्वजनिक तौर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी हैं।

इन आरोपों में प्रमुख तौर से सुखबीर बादल को प्रधानगी से हटाने की मांग की जा रही है जबकि उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से 30 अगस्त को तनखाइया भी घोषित किया जा चुका है। सुखबीर ने पूर्व अकाली सरकार के दौरान हुई गलतियों को स्वीकार करते हुए 31 अगस्त को लिखित माफीनामा श्री अकालतख्त साहिब सचिवालय में दे दिया है।

बागी अकाली ग्रुप के कई नेताओं को भी देना होगा स्पष्टीकरण
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 30 अगस्त को अकाली दल की सरकार के दौरान मंत्री रहे सिख नेताओं को भी 15 दिन के भीतर अकाली सरकार के दौरान हुई गलतियों के लिए स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे। इसके चलते इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई लिस्ट में कुल 17 पूर्व मंत्रियों में से बागी गुट के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा, बीबी जागीर कौर एवं पूर्व मंत्री व मौजूदा भाजपा नेता मनप्रीत बादल का नाम भी शामिल है।

17 में से चार पूर्व मंत्री 31 अगस्त को सुखबीर बादल के माफीनामा पत्र के साथ ही श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय में अपना लिखित स्पष्टीकरण दे चुके हैं। इनमें डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, शरणजीत सिंह ढिल्लों, महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल व गुलजार सिंह रणिके हैं।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा 30 अगस्त को जारी आदेशों के अनुसार अब पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया समेत 13 पूर्व मंत्रियों को 15 दिन के भीतर निजी तौर पर पेश होकर श्री अकाल तख्त साहिब पर अपना-अपना स्पष्टीकरण देना है। इनमें डाॅ. उपिंदरजीत कौर, सिकंदर सिंह मलूका, सोहन सिंह, बिक्रम मजीठिया, बीबी जागीर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, सुच्चा सिंह लंगाह, जनमेजा सिंह सेखों, हीरा सिंह गाबडिया, सरवण सिंह फिल्लौर, सुरजीत सिंह, परमिंदर ढींडसा, मनप्रीत बादल के नाम भी शामिल हैं।

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